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फिर विवादों में गालीबाज तहसीलदार, कर्मचारी में आक्रोश, पीड़ित पेशकार ने सौंपा इस्तीफा

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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक बार फिर से एक तहसीलदार अपने अमर्यादित व्यवहार को लेकर विवादों के घेरे में आ गए हैं। कुछ महीने पहले पत्रकार के साथ गाली-गलौज और बदतमीजी के कारण सुर्खियों में आए इस तहसीलदार का तबादला कर दिया गया था। लेकिन नया चार्ज मिलते ही उन्होंने एक बार फिर अपने ही विभाग के कर्मचारी, पेशकार के साथ अपमानजनक व्यवहार करते हुए गाली-गलौज की घटना को दोहराया, जिससे तहसील परिसर में आक्रोश की लहर फैल गई है।

सूत्रों के अनुसार, हाल ही में उक्त तहसीलदार ने अपने एक अधीनस्थ पेशकार के साथ न केवल अशोभनीय भाषा में बात की, बल्कि सार्वजनिक रूप से उसे अपमानित भी किया। इससे आहत होकर पीड़ित पेशकार ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपना इस्तीफा जिलाधिकारी (डीएम) को सौंप दिया है। पेशकार का कहना है कि वह मानसिक रूप से बेहद तनाव में है और इस तरह के माहौल में कार्य करना उसके लिए संभव नहीं है।

कर्मचारियों में उबाल, कार्य बहिष्कार की चेतावनी

तहसील के अन्य कर्मचारियों ने भी इस व्यवहार की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि बार-बार ऐसी घटनाओं से न केवल कार्य संस्कृति प्रभावित हो रही है, बल्कि कर्मचारी मानसिक रूप से भी पीड़ित हो रहे हैं। कर्मचारियों ने एकजुट होकर चेतावनी दी है कि यदि तहसीलदार के खिलाफ शीघ्र और सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे कार्य बहिष्कार कर आंदोलन शुरू करेंगे।

एक कर्मचारी नेता ने कहा, “यह पहली बार नहीं है, जब तहसीलदार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसी को अपमानित किया हो। पहले पत्रकार के साथ जो घटना हुई थी, वह भी पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी थी। अब अपने ही अधीनस्थ के साथ यह व्यवहार बर्दाश्त के बाहर है।”

पहले भी रहा है विवादों में

गौरतलब है कि उक्त तहसीलदार कुछ माह पहले उस समय विवादों में आए थे, जब उन्होंने एक स्थानीय पत्रकार के साथ गाली-गलौज और अभद्रता की थी। वह मामला भी मीडिया की सुर्खियों में रहा था, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाकर दूसरी जगह तैनात कर दिया था। लेकिन उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है।

डीएम कार्यालय में हलचल, जांच की मांग

घटना की जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंच गई है। पीड़ित पेशकार द्वारा दिए गए इस्तीफे और कर्मचारियों के आक्रोश के बीच प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई करे। कर्मचारियों की मांग है कि तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाए।

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