नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का शासन पूरी तरह से खत्म हो चुका है। सिविल मामलों में राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद यह बात सामने आई है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने पुलिस महानिदेशक और गौतमबुद्ध नगर जिले के पुलिस थाने के प्रभारी को हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि सिविल विवाद में आपराधिक कानून क्यों लागू किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "उत्तर प्रदेश में कानून का शासन पूरी तरह से खत्म हो चुका है। सिविल मामले को आपराधिक मामले में बदलना स्वीकार्य नहीं है।" पीठ इस बात से नाराज थी कि एक वकील ने कहा कि एफआईआर इसलिए दर्ज की गई क्योंकि सिविल विवादों को निपटाने में लंबा समय लगता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "यूपी में जो हो रहा है, वह गलत है। हर रोज सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदला जा रहा है। यह बेतुका है, सिर्फ पैसे न देने को अपराध नहीं बनाया जा सकता।"