18 जुलाई से शुरू होगी पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन की प्रक्रिया, 10 अगस्त तक जारी होगी अंतिम सूची
उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों की तैयारियां अब तेज हो गई हैं। इस सिलसिले में परिसीमन की प्रक्रिया 18 जुलाई से शुरू होने जा रही है। जिला पंचायतीराज विभाग द्वारा भेजे गए विस्तृत कार्यक्रम पर शासन ने मुहर लगा दी है। शहरी क्षेत्रों के तेजी से हो रहे विस्तार और आबादी में बदलाव के चलते पंचायत वार्डों की सीमाएं अब बदली जाएंगी।
इस पूरी प्रक्रिया के तहत पहले ड्राफ्ट प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे, उसके बाद आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी और फिर अंतिम सूची 10 अगस्त तक प्रकाशित की जाएगी। इससे यह साफ हो गया है कि आगामी पंचायत चुनावों में कई वार्डों की सीमाएं और संरचना पूरी तरह से बदली हुई नजर आ सकती है।
शहरीकरण बना परिसीमन का आधार
परिसीमन की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि कई ग्रामीण क्षेत्रों को अब शहरी क्षेत्र में शामिल किया जा चुका है। साथ ही कुछ नगर निकायों का भी विस्तार हुआ है। इन परिवर्तनों के कारण पारंपरिक पंचायत सीमाएं अप्रासंगिक हो गई थीं, जिन्हें अब दोबारा परिभाषित किया जाएगा।
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, नई जनसंख्या गणना के अनुमान, भौगोलिक विस्तार, और विकास कार्यों के आधार पर पंचायत वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जन प्रतिनिधित्व समानुपातिक और न्यायसंगत हो।
परिसीमन की समय-सारिणी
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18 जुलाई: परिसीमन की प्रक्रिया प्रारंभ
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25 जुलाई तक: प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार
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26 जुलाई से 2 अगस्त: आम जनता से आपत्तियां और सुझाव
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3 से 9 अगस्त: आपत्तियों पर निस्तारण
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10 अगस्त: अंतिम सूची जारी
यह प्रक्रिया जिला स्तर पर जिला पंचायत राज अधिकारियों की निगरानी में की जाएगी और शासन स्तर से इसकी नियमित समीक्षा भी होगी।
राजनीतिक हलचल तेज होने की संभावना
परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होते ही स्थानीय राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आना तय है। जिन वार्डों की सीमाएं बदलेंगी, वहां के संभावित उम्मीदवारों की रणनीति पर असर पड़ेगा। कई दावेदारों को नए इलाकों में जनसंपर्क शुरू करना पड़ेगा, तो कुछ को अपने पारंपरिक मतदाता आधार से वंचित होना पड़ सकता है।

