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गोंडा-बाराबंकी रेलखंड पर तीसरी रेल लाइन के लिए शुरू हुआ नॉन-इंटरलाकिंग कार्य, 5 जुलाई से बहाल होगा सामान्य संचालन

गोंडा-बाराबंकी रेलखंड पर तीसरी रेल लाइन के लिए शुरू हुआ नॉन-इंटरलाकिंग कार्य, 5 जुलाई से बहाल होगा सामान्य संचालन

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा गोंडा-बाराबंकी रेलखंड पर स्थित करनैलगंज-सरयू-जरवल रोड-घाघरा घाट सेक्शन (21.41 किलोमीटर) में तीसरी रेल लाइन के निर्माण को लेकर नॉन-इंटरलाकिंग कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस परियोजना के तहत मंगलवार, 25 जून से प्री नॉन-इंटरलाकिंग का कार्य शुरू हुआ, जो 30 जून तक चलेगा। इसके बाद 1 जुलाई से 4 जुलाई तक नॉन-इंटरलाकिंग कार्य किया जाएगा।

रेलवे प्रशासन के अनुसार, 5 जुलाई 2025 से तीसरी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा, वहीं अन्य दो पटरियों पर भी सामान्य परिचालन बहाल कर दिया जाएगा।

क्या है नॉन-इंटरलाकिंग और इसका महत्व?

रेलवे नेटवर्क में इंटरलाकिंग का मतलब होता है सिग्नलिंग प्रणाली के तहत ट्रेनों की आवाजाही को सुरक्षित बनाना। जब नए ट्रैक या प्लेटफॉर्म जोड़े जाते हैं, तो प्री नॉन-इंटरलाकिंग और नॉन-इंटरलाकिंग के जरिए नई व्यवस्था को पुराने सिस्टम में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है, लेकिन यह एक जरूरी तकनीकी प्रक्रिया है।

यात्रियों पर असर और ट्रेनों में बदलाव

इस कार्य के कारण रेलवे द्वारा कई ट्रेनों के रूट में आंशिक बदलाव, शॉर्ट टर्मिनेशन और री-शेड्यूलिंग की संभावना है। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा से पहले अपने ट्रेन नंबर और स्टेशनों की स्थिति की जानकारी अवश्य लें

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, “यह कार्य यात्री सुविधा और भविष्य में तेज गति से संचालन को सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है। निर्माण कार्य के दौरान अस्थायी असुविधा हो सकती है, लेकिन इससे भविष्य में रेल परिचालन अधिक सुगम और तेज हो जाएगा।”

क्यों जरूरी है तीसरी रेल लाइन?

गोंडा-बाराबंकी रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में दो लाइनों पर ट्रैफिक दबाव अत्यधिक है। इसी को देखते हुए रेलवे ने इस सेक्शन में तीसरी रेल लाइन के निर्माण का निर्णय लिया, ताकि यात्री एवं मालगाड़ियों के सुचारु और समयबद्ध संचालन को सुनिश्चित किया जा सके।

तीसरी रेल लाइन से:

  • ट्रेनों की पंक्चुअलिटी में सुधार होगा।

  • मालवाहन ट्रैफिक को अतिरिक्त स्पेस मिलेगा।

  • आने वाले वर्षों में रेल सेवाओं के विस्तार को भी बल मिलेगा।

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