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लंदन जाने से पहले भाई को किया था आखिरी फोन, 15 साल की बेटी को नहीं ले गए साथ — आगरा के घर में पसरा मातम

लंदन जाने से पहले भाई को किया था आखिरी फोन, 15 साल की बेटी को नहीं ले गए साथ — आगरा के घर में पसरा मातम

एक उज्जवल भविष्य की उम्मीद लिए लंदन जा रहे आगरा निवासी व्यक्ति की अचानक हुई मौत ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया है। जाने से पहले उन्होंने अपने भाई से फोन पर आखिरी बार बात की, और यह भी तय किया कि इस बार अपनी 15 वर्षीय बेटी को साथ नहीं ले जाएंगे। आज, वही बेटी अपने पिता की अंतिम झलक पाने को तड़प रही है, और आगरा स्थित उनका घर शोक का केंद्र बन गया है।

विदेश यात्रा से पहले की आखिरी बातचीत बनी आखिरी याद

परिजनों के अनुसार, लंदन रवाना होने से कुछ ही घंटे पहले उन्होंने अपने छोटे भाई से बात की थी। बातचीत के दौरान उन्होंने सामान्य हालचाल पूछे और कहा, "लौटकर बात करेंगे, तब तक सबका ध्यान रखना।" किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी बातचीत साबित होगी।

बेटी को छोड़कर गए थे अकेले

मृतक की 15 वर्षीय बेटी को इस बार साथ नहीं ले जाने का फैसला किया गया था, क्योंकि वह आगरा में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी। परिजनों ने बताया कि वह अपनी बेटी की पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर थे और चाहते थे कि वह किसी भी हाल में व्यवधान न झेले। आज वही बेटी अपने पिता की मौत की खबर से टूट चुकी है और बार-बार एक ही सवाल कर रही है—“पापा मुझे साथ क्यों नहीं ले गए?”

आगरा में पसरा मातम, मोहल्ले में शोक

घटना की सूचना मिलते ही आगरा के आवास पर भारी भीड़ जुट गई। रिश्तेदारों, पड़ोसियों और शुभचिंतकों की आंखें नम थीं। हर कोई स्तब्ध था कि एक खुशमिजाज, मेहनती इंसान इतनी जल्दी इस दुनिया को अलविदा कह देगा। मोहल्ले के लोग बताते हैं कि वे बेहद संवेदनशील और परिवारप्रिय व्यक्ति थे।

लंदन में हुआ हादसा या स्वास्थ्य समस्या — जांच जारी

अब तक मिली जानकारी के अनुसार, लंदन पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मौत की वजह हृदयगति रुकना (Cardiac Arrest) थी या कोई अन्य मेडिकल इमरजेंसी। भारतीय दूतावास के माध्यम से शव को भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है।

परिवार को हरसंभव सहायता का भरोसा

स्थानीय प्रशासन और समाजसेवी संगठन मृतक के परिवार से लगातार संपर्क में हैं और हरसंभव सहायता देने का भरोसा दे रहे हैं। परिजन चाहते हैं कि उनका पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत लाया जाए, ताकि अंतिम संस्कार पूरे सम्मान और रीति-रिवाजों के साथ किया जा सके।

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