सिर काटकर गंगनहर में फेंका और धड़ रजबहे में, दिनभर चलती रही सिर की तलाश, ये रहा नतीजा

एसएसपी विपिन ताडा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर आस्था उर्फ तनिष्का की हत्या का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि परिजनों ने छात्रा की इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि वह अपनी सहेली से मिली थी और फोन पर बात करती थी। मां राकेश देवी और एक नाबालिग भाई ने छात्रा की गला दबाकर हत्या कर दी, जिसके बाद उसके मामा कमल सिंह, समर सिंह, मामा के चचेरे भाई मंजीत उर्फ मोनू निवासी महरौली और मामा गौरव निवासी लाडपुरा हापुड़ ने कुल्हाड़ी से उसका गला रेतकर हत्या कर दी और शव को बहादुरपुर रजबहा और कटे सिर को जानी गंगा नहर में फेंक दिया। पुलिस ने मां, दोनों मामा और मामा के चचेरे भाई को शुक्रवार शाम कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। हत्या में शामिल 14 वर्षीय नाबालिग भाई को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पुलिस हत्या में शामिल चचेरे भाई गौरव की तलाश में छापेमारी कर रही है।
वहीं आस्था का कटा सिर अभी तक नहीं मिल सका है। पुलिस की दो टीमें गंग नहर में कटे सिर की तलाश कर रही हैं। पुलिस ने आरोपियों से गला रेतने में प्रयुक्त दरांती और शव को फेंकने में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार बरामद कर ली है। बहादुरपुर गांव के प्रधानपति अमित कुमार की ओर से परतापुर थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया गया है। गुरुवार को परतापुर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में नाले में चादर में लिपटी छात्रा की सिर कटी लाश मिली थी। सूट-सलवार की जेब में मिले मोबाइल नंबर के आधार पर मृतका की पहचान दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव निवासी रमेश की बेटी आस्था उर्फ तनिष्का (17) के रूप में हुई। आस्था इंटरमीडिएट की छात्रा थी। जेब में मिला मोबाइल नंबर नंगली साहिब निवासी उसकी नाबालिग सहेली का था। सहेली ने खुद मौके पर पहुंचकर आस्था की पहचान की। इसके बाद पुलिस दादरी गांव पहुंची और पहले मृतका की मां, नाबालिग भाई राकेश देवी और बाद में छात्रा के मामा कमल सिंह, समर सिंह, चचेरे भाई मंजीत उर्फ मोनू निवासीगण महरौली-परतापुर को हिरासत में लिया। परिजनों ने पहले तो शव को पहचानने से इंकार कर दिया।
बाद में जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपियों ने आस्था की हत्या करना कबूल कर लिया। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि आस्था की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए एक किशोरी से हुई थी। दोनों अक्सर बातचीत और मिलते-जुलते थे। इसकी जानकारी होने पर बुधवार को मां राकेश देवी ने अपने नाबालिग बेटे के साथ मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में उसने अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी। बुधवार रात आस्था के दो मामा, मामा और मामा के भाई-बहनों ने शव को कार में डाल लिया। वे लड़की को महरौली के जंगल में ले गए और दरांती से उसका गला रेतकर शव बहादुरपुर नहर में और कटा हुआ सिर जानी गंग नहर में फेंक दिया। गुरुवार सुबह लड़की का सिर कटा शव बरामद हुआ। पिता रमेश पर भी आरोप पुलिस ने लड़की के पिता रमेश पर भी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। सीआरपीएफ जवान रमेश छत्तीसगढ़ में तैनात है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि लड़की की हत्या करने के बाद मां राकेश देवी ने अपने पति रमेश को इसकी जानकारी दी। पुलिस को सूचना देने के बजाय उसने शव को ठिकाने लगाने की साजिश रची। उसे भी वांछित घोषित किया गया है।
दोस्त को परिजनों को सौंपा
पुलिस इस हत्याकांड की गुत्थी आस्था के दोस्त के जरिए ही सुलझा सकी। उसने ही आस्था के शव की पहचान की। अन्यथा परिजनों ने शव आस्था का होने से इनकार किया। पुलिस ने छात्रा के दोस्त को उसके परिजनों को सौंप दिया। उसे हत्याकांड का मुख्य गवाह बनाया गया है।
चचेरे भाई ने किया अंतिम संस्कार
पुलिस ने डॉक्टरों के पैनल से छात्रा के शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। शुक्रवार दोपहर शव को दादरी से आए छात्रा के अन्य परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने शहर के सूरजकुंड में अंतिम संस्कार किया। छात्रा के चचेरे भाई आदेश ने अंतिम संस्कार कराया।