रामजन्मभूमि परिसर में प्राचीन सीता कूप का भव्य नवीनीकरण, अब होगा रामलला के राग-भोग में उपयोग

रामजन्मभूमि परिसर के एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र स्थल, प्राचीन सीता कूप का नवीनीकरण कार्य पूरा हो चुका है। वंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से इस कूप का भव्य और कलात्मक सुंदरीकरण किया गया है, जिससे इसकी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता और भी बढ़ गई है। यह कार्य श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में सम्पन्न हुआ है।
सीता कूप का ऐतिहासिक महत्व
सीता कूप अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में स्थित एक प्राचीन जल स्रोत है, जिसका उल्लेख रामायण सहित अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। इसे माता सीता से जोड़ा जाता है और इसकी पवित्रता सदियों से बनी हुई है। इस कूप के जल का प्रयोग विशेष धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
नवीनीकरण के बाद हुआ रूप-रंग में बदलाव
लंपी वंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से सीता कूप का सौंदर्यपूर्ण सज्जा कार्य किया गया है। इस कूप का नवीनीकरण न केवल उसकी संरचना को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि इसे एक नया भव्य स्वरूप भी दिया गया है, जिससे यह रामजन्मभूमि परिसर के सौंदर्य को और बढ़ाता है।
अब सीता कूप का जल होगा उपयोग में
राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि नवीनीकरण के बाद सीता कूप के जल का उपयोग अब रामलला के राग-भोग में किया जाएगा। इससे इस पवित्र जल की धार्मिक मान्यता और भी प्रबल होगी। इसके अलावा, श्रद्धालु और स्थानीय निवासी भी विशेष आयोजनों के दौरान इस जल को अपने साथ ले जा सकेंगे, जिससे उनकी आस्था और धार्मिक अनुष्ठान पूर्णता पाएंगे।
श्रद्धालुओं में बढ़ा उत्साह
रामजन्मभूमि परिसर में इस महत्वपूर्ण सुधार कार्य के बाद श्रद्धालुओं में उत्साह की लहर देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीता कूप के नवीनीकरण से न केवल धार्मिक महत्त्व बढ़ा है, बल्कि यह अयोध्या के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक वातावरण को भी समृद्ध करेगा।