संसद में पेश किए गए संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। इस विधेयक को लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक संतुलन पर गंभीर बहस छिड़ गई है।
डिंपल यादव का आरोप
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह विधेयक लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि सरकार सारे अधिकार अपने हाथों में रखने का प्रयास कर रही है और इससे सत्ता का केंद्रीकरण बढ़ेगा।
विधेयक की मुख्य बातें
130वां संशोधन विधेयक संसद में पेश किया गया है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच संवैधानिक अधिकारों और शक्तियों के विभाजन को लेकर बदलाव प्रस्तावित हैं। विपक्ष का मानना है कि यह संशोधन राज्यों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
विशेषज्ञों का कहना है कि यह विधेयक राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टि से संवेदनशील है। विपक्षी दल इसे लोकतंत्र पर हमला मानते हुए लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। संसद में इस विषय पर बहस के दौरान सांसदों के बीच तीखी वाकयुद्ध और बयानबाजी भी देखने को मिली।
विपक्ष की रणनीति
डिंपल यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे इस विधेयक के विरोध में सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक माध्यमों का इस्तेमाल करेंगे। उनका कहना है कि यह संसद में कानून बनते समय जनता के अधिकार और राज्यों की स्वतंत्रता के लिए चिंता का विषय है।

