राम जन्मभूमि पर साकार हो रहा युगों पुराना सपना! अंतिम चरण में पहुंचा राम मंदिर का निर्माण कार्य, देखे वायरल वीडियो
अयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। वर्षों के संघर्ष, आस्था और आंदोलन के बाद, देशवासियों का राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का सपना अब साकार हो रहा है। मंदिर का मुख्य ढांचा लगभग बनकर तैयार है और अब शटरिंग, मशीनरी और निर्माण सामग्री हटाने का काम तेज़ी से शुरू हो गया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का निर्माण कार्य समयबद्ध और सटीक ढंग से चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह का आकार अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है और रामलला की भव्य मूर्ति की स्थापना की तैयारियाँ भी ज़ोरों पर चल रही हैं। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने जानकारी दी है कि 2025 के अंत तक मंदिर का शेष कार्य भी पूरा हो जाएगा और श्रद्धालु पूरे मंदिर के दर्शन कर सकेंगे।
अब तक मंदिर निर्माण में ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर जैसी मज़बूत और पारंपरिक निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया है। आधुनिक तकनीक के साथ-साथ निर्माण प्रक्रिया में भारतीय शिल्पकला की छाप भी देखी जा सकती है। मंदिर की तीनों मंजिलों - भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल - का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। अब भीतरी और बाहरी भागों में नक्काशी, सजावट और अन्य सौंदर्य संबंधी कार्य शेष हैं, जो दिन-रात चल रहे हैं।
गौरतलब है कि जनवरी 2024 में भगवान श्री राम की मूर्ति को गर्भगृह में विधिवत स्थापित किया गया था। तब से प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अयोध्या पहुँच रही है। हालाँकि, अभी तक मंदिर परिसर का एक सीमित भाग ही आम जनता के लिए खोला गया है, लेकिन अंतिम चरण पूरा होते ही इसे आम जनता के दर्शन के लिए पूरी तरह से खोल दिया जाएगा।
निर्माण स्थल से मशीनें, क्रेन, शटरिंग प्लेट और भारी निर्माण उपकरण हटाने का काम शुरू हो गया है, जो दर्शाता है कि अब अंतिम सफाई और सजावट का चरण चल रहा है। मंदिर के आसपास की सड़कों, रैंप, पार्किंग और प्रवेश द्वारों को भी भव्य रूप देने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और अयोध्या शहर की पूरी व्यवस्था को भी श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार पुनर्व्यवस्थित किया जा रहा है।
राम मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का प्रतीक है। इससे जुड़ी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना अब एक भव्य मंदिर के रूप में मूर्त रूप ले रही है। आने वाले समय में अयोध्या न केवल एक आध्यात्मिक राजधानी के रूप में उभरेगी, बल्कि एक वैश्विक तीर्थस्थल बनकर देश की सांस्कृतिक विरासत को भी सुदृढ़ करेगी।इस ऐतिहासिक निर्माण कार्य का यह अंतिम चरण देशवासियों के लिए गौरव और आस्था का क्षण है। शीघ्र ही प्रत्येक श्रद्धालु को श्री राम के दरबार में उनके पूर्ण भव्य स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।

