टीजीटी-पीजीटी परीक्षा को लेकर प्रतियोगी छात्रों का महाधरना, आठ बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपेंगे

प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) परीक्षा के मुद्दे पर प्रतियोगी छात्रों ने मंगलवार, 17 जून को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPSESSB) के कार्यालय के बाहर महाधरना आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस धरने के माध्यम से छात्र विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी आवाज उठाएंगे, जिनमें पुरानी भर्ती की परीक्षा तिथि का निर्धारण और नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग प्रमुख है।
आठ बिंदुओं पर आयोग को ज्ञापन सौंपेंगे
टीजीटी-पीजीटी उम्मीदवारों ने महाधरना के दौरान आयोग के समक्ष कुल आठ बिंदुओं का ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया है। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगें शामिल हैं:
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पुरानी भर्ती की परीक्षा तिथि का निर्धारण – उम्मीदवारों का कहना है कि पुरानी भर्ती के लिए परीक्षा तिथि का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है, जिससे वे असमंजस में हैं। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द परीक्षा तिथि घोषित की जाए।
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नई भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाए – प्रतियोगी छात्रों की मांग है कि आयोग नई भर्ती प्रक्रिया के लिए शीघ्र विज्ञापन जारी करे, ताकि उन्हें अपनी तैयारी में किसी प्रकार की रुकावट न आए।
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आयोग द्वारा परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने की मांग – छात्रों ने परीक्षा प्रक्रिया को लेकर अपने मन में कई सवाल उठाए हैं और पारदर्शिता की मांग की है, ताकि किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो।
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विज्ञापनों में अनियमितताएं सुधारने की अपील – छात्रों का कहना है कि पहले के कुछ विज्ञापनों में कुछ अनियमितताएं थीं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है। वे चाहते हैं कि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
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भर्ती प्रक्रिया में समयबद्धता की जरूरत – उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की अपील की है, ताकि वे जल्द से जल्द अपनी नौकरी की स्थिति स्पष्ट कर सकें।
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आवेदन पत्रों की समय सीमा में वृद्धि – कुछ छात्रों ने आवेदन पत्रों की समय सीमा को बढ़ाने की मांग की है, ताकि अधिक से अधिक योग्य उम्मीदवार इसमें भाग ले सकें।
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समय पर परिणाम की घोषणा – छात्रों ने यह भी कहा है कि पिछले वर्षों में परिणामों की घोषणा में काफी देरी हुई है, जिससे उन्हें नुकसान हुआ है। वे चाहते हैं कि आयोग परिणामों को समय पर घोषित करे।
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अन्य प्रशासनिक सुधारों की मांग – छात्रों ने आयोग के प्रशासनिक कार्यों में सुधार की भी मांग की है, ताकि प्रक्रिया और अधिक व्यवस्थित हो सके।
छात्रों का आरोप और संघर्ष
टीजीटी-पीजीटी परीक्षा से संबंधित समस्याओं को लेकर छात्रों में निराशा का माहौल है। उनका कहना है कि सरकार और आयोग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे उनके भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इन सभी मुद्दों पर छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे आने वाले दिनों में और भी बड़े आंदोलन करने को तैयार हैं।
आंदोलन का उद्देश्य
यह महाधरना उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पर दबाव बनाने के लिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि आयोग और सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लें। छात्रों का कहना है कि उनका यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो वे इसे और अधिक जोरदार बनाने के लिए तैयार हैं।