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कपड़ा कारोबारी ने पत्नी और बेटी संग की आत्महत्या, फ्लैट में मिली तीनों की लाशें, पास से मिला सुसाइड नोट

कपड़ा कारोबारी ने पत्नी और बेटी संग की आत्महत्या, फ्लैट में मिली तीनों की लाशें, पास से मिला सुसाइड नोट

राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां रविवार रात एक कपड़ा कारोबारी ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ आत्महत्या कर ली। सोमवार सुबह जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है।

सुबह फ्लैट से मिली तीनों की लाशें
घटना लखनऊ के एक पॉश इलाके के फ्लैट की है, जहां कारोबारी अपने परिवार के साथ रहते थे। सोमवार सुबह जब परिवार के दूसरे सदस्य फ्लैट पर पहुंचे तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। किसी अनहोनी की आशंका में दरवाजा तोड़ा गया तो भीतर का मंजर देख सभी सन्न रह गए। कारोबारी, उनकी पत्नी और बेटी की लाशें कमरे में पड़ी थीं और तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था, जिससे यह अंदेशा जताया जा रहा है कि उन्होंने जहरीला पदार्थ खाकर जान दी है।

मौके से मिला सुसाइड नोट
पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें प्रारंभिक जांच के अनुसार कारोबारी ने आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव या पारिवारिक कारणों का ज़िक्र किया है। हालांकि पुलिस ने सुसाइड नोट की पुष्टि करते हुए कहा है कि उसकी फॉरेंसिक जांच की जाएगी और परिवार व परिचितों से पूछताछ के आधार पर ही अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा।

घर में मचा कोहराम, पड़ोसी भी स्तब्ध
तीनों की मौत की खबर मिलते ही परिजन बदहवास हो गए। माँ और पिता की गोद में बेटी की लाश देखकर मौजूद लोग रो पड़े। पूरे इलाके में मातम छा गया है और पड़ोसी भी इस दर्दनाक हादसे से स्तब्ध हैं। लोगों के अनुसार कारोबारी परिवार शांत स्वभाव का था और कभी किसी से विवाद या परेशानी जाहिर नहीं की थी।

पुलिस कर रही जांच, कई पहलुओं पर हो रही पड़ताल
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम को बुलाया गया है, और फ्लैट से मिले हर सबूत को ध्यानपूर्वक इकट्ठा किया जा रहा है। फ्लैट में मौजूद जहरीले पदार्थ के अवशेष, सुसाइड नोट, मोबाइल और सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।

मानसिक स्वास्थ्य पर फिर उठा सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आर्थिक या पारिवारिक संकट से जूझ रहे लोग मानसिक रूप से किस कदर टूट जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में परिजन, मित्र और समाज को एक मजबूत सहारा बनकर सामने आना चाहिए ताकि कोई व्यक्ति इस तरह का चरम कदम न उठाए।

फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। यह त्रासदी न केवल एक परिवार को तबाह कर गई, बल्कि समाज को भी यह संदेश दे गई कि संवेदनशीलता और समय पर संवाद कितने जरूरी हैं।

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