महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज, RJD पर सहयोगी दलों का दबाव बढ़ा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान तेज होती जा रही है। महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर अब सहयोगी दलों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि उन्हें समुचित हिस्सेदारी दी जाए।
सीपीआई ने रखी 24 सीटों की मांग
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने राज्य सचिव राम नरेश पांडेय और अन्य नेताओं के साथ तेजस्वी यादव से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए 24 सीटों की मांग रखी। सीपीआई नेताओं का कहना है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में पार्टी की अच्छी पकड़ है और पिछली बार की तुलना में इस बार उन्हें ज्यादा हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
पप्पू यादव फिर दिखे आक्रामक
वहीं दूसरी ओर, जन अधिकार पार्टी (JAP) प्रमुख पप्पू यादव ने एक बार फिर कांग्रेस के लिए कम से कम 90 सीटों की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन को बीजेपी-जेडीयू गठजोड़ को चुनौती देनी है तो हर घटक दल को सम्मानजनक सीटें दी जानी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस को मज़बूत करने की ज़रूरत पर भी बल दिया और कहा कि उसका प्रभाव राज्य के कई इलाकों में अब भी कायम है।
RJD पर बढ़ रहा दबाव
इन बैठकों और बयानों से साफ है कि महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर तनाव की स्थिति बनती जा रही है। आरजेडी के सामने चुनौती यह है कि वह अपनी नेतृत्वकारी भूमिका को भी कायम रखे और साथ ही सहयोगी दलों को नाराज भी न करे। अंदरखाने यह भी चर्चा है कि कांग्रेस और वाम दलों के साथ-साथ पप्पू यादव खुद भी सीट बंटवारे में सीधी बातचीत की मांग कर रहे हैं।
सीट बंटवारा बना रणनीतिक चुनौती
महागठबंधन की रणनीति फिलहाल कमजोर नजर आ रही है, क्योंकि सभी दल अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों के आधार पर अधिक सीटें चाह रहे हैं। लेकिन गठबंधन को एकजुट रखने और बीजेपी को टक्कर देने के लिए समन्वय और त्याग की जरूरत होगी। वहीं, आरजेडी को भी जल्द ही एक फॉर्मूला तय करना होगा, जिससे सभी घटक दल संतुष्ट हों और चुनावी अभियान में एकजुट होकर उ