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ठाकुरगंज नाले में युवक की मौत पर बवाल जारी, भाजपा पार्षद पर मुकदमा दर्ज होने से तनाव गहराया

ठाकुरगंज नाले में युवक की मौत पर बवाल जारी, भाजपा पार्षद पर मुकदमा दर्ज होने से तनाव गहराया

लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में शनिवार को नाले में बहने से एक व्यक्ति की मौत के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मृतक की पत्नी द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षद सीबी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद से राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्मा गया है। इस घटनाक्रम से क्षेत्र में तनाव व्याप्त है और भाजपा पार्षद लगातार दो दिनों से विरोध प्रदर्शन और हंगामा कर रहे हैं।

घटना की पृष्ठभूमि

शनिवार को तेज बारिश के चलते ठाकुरगंज क्षेत्र के नाले में पानी का बहाव अत्यधिक तेज हो गया था। बताया गया कि स्थानीय निवासी एक व्यक्ति बहाव की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि नाले पर सुरक्षा की कोई समुचित व्यवस्था नहीं थी और पार्षद व नगर निगम की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ।

पत्नी ने पार्षद पर लगाया लापरवाही का आरोप

मृतक की पत्नी ने इस मामले में स्थानीय भाजपा पार्षद सीबी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि पार्षद को कई बार नाले की खतरनाक स्थिति की जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसी लापरवाही के चलते उनके पति की जान गई।

पार्षद का हंगामा, कहा- साजिश के तहत फंसाया जा रहा

मामले में नाम आने के बाद भाजपा पार्षद सीबी सिंह ने रविवार और सोमवार को जमकर विरोध किया। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि नगर निगम के पास सीमित संसाधन हैं और उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा प्रयास किया है।

सीबी सिंह ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के इशारे पर यह षड्यंत्र रचा गया है ताकि उनकी छवि को धूमिल किया जा सके। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने उठाए सवाल

इस घटना को लेकर विपक्षी दलों और कुछ सामाजिक संगठनों ने भी नगर निगम और पार्षद पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते नाले की मरम्मत और सुरक्षा के उपाय किए गए होते, तो यह दर्दनाक हादसा नहीं होता।

प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

घटना के चार दिन बाद भी नगर निगम या जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। इससे लोगों में नाराजगी और प्रशासनिक निष्क्रियता को लेकर रोष है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

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