रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर और दर्शनीय स्थल तैयार, श्रद्धालु 15 अक्टूबर से दर्शन कर सकेंगे
अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। परिसर स्थित परकोटा के छह मंदिरों और परकोटा के बाहर के सात मंदिरों सहित कुबेर टीला जैसे दर्शनीय स्थल बनकर तैयार हो गए हैं। इन धार्मिक स्थलों के निर्माण से परिसर का स्वरूप और भी भव्य और आकर्षक हो गया है।
हालांकि, आंतरिक मार्ग अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं, जिसके कारण श्रद्धालु इन स्थलों तक सहज रूप से नहीं पहुंच पा रहे हैं। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि आंतरिक मार्ग का निर्माण भी अंतिम चरण में है और इसके पूरा होते ही श्रद्धालु इन मंदिरों और दर्शनीय स्थलों तक आसानी से पहुँच सकेंगे।
उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर से श्रद्धालुओं को अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। इस तारीख से वे रामलला के दर्शन के साथ ही परकोटा के भीतर और बाहर स्थित इन सभी मंदिरों में विराजमान देवताओं के दर्शन भी कर सकेंगे। इससे यहां आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ने की संभावना है और धार्मिक अनुभव और भी समृद्ध होगा।
रामजन्मभूमि परिसर में पिछले कुछ वर्षों से लगातार विकास और निर्माण कार्य चल रहा है। परिसर की परकोटा और आसपास के क्षेत्र में किए गए निर्माण कार्यों ने इसे और भी भव्य और व्यवस्थित बना दिया है। मंदिरों और दर्शनीय स्थलों का निर्माण उच्च गुणवत्ता के सामग्री और वास्तुकला के अनुसार किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव मिल सके।
चंपतराय ने कहा कि ट्रस्ट का उद्देश्य है कि हर श्रद्धालु को बिना किसी असुविधा के रामजन्मभूमि का दर्शन करने का अवसर मिले। आंतरिक मार्ग और अन्य सहायक सुविधाओं के निर्माण के पूरा होने के बाद यहां आने वाले भक्तों को सुरक्षा और सुविधा दोनों सुनिश्चित होंगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि रामजन्मभूमि परिसर का यह विकास न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से भी इसे एक प्रमुख स्थल बनाता है। इसके माध्यम से अयोध्या को देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
संक्षेप में कहा जाए तो, रामजन्मभूमि परिसर के परकोटा के छह मंदिरों और परकोटा के बाहर के सात मंदिरों तथा कुबेर टीला जैसे दर्शनीय स्थल बनकर तैयार हो गए हैं। आंतरिक मार्ग का निर्माण अभी अंतिम चरण में है, लेकिन 15 अक्टूबर से श्रद्धालु रामलला के दर्शन के साथ इन सभी मंदिरों में विराजमान देवताओं का दर्शन भी कर सकेंगे। यह कदम अयोध्या को एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और भी मजबूती से स्थापित करेगा।

