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रुपहले पर्दे पर ताजमहल की जादूगरी: 500 से ज्यादा फिल्मों में दिखा प्रेम का प्रतीक

रुपहले पर्दे पर ताजमहल की जादूगरी: 500 से ज्यादा फिल्मों में दिखा प्रेम का प्रतीक

सदियों से प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला ताजमहल, अब रुपहले पर्दे पर भी एक लकी चार्म के रूप में पहचाना जाने लगा है। फिल्मकारों और निर्देशकों के लिए ताजमहल की मौजूदगी न केवल उनकी फिल्मों में चार चांद लगाती है, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर सफलता की उम्मीद भी बढ़ा देती है।

ताजमहल को पहली बार 1942 में कैमरे में कैद किया गया, और तब से लेकर अब तक यह 500 से ज्यादा फिल्मों, एलबम, टीवी सीरियल्स और ओटीटी वेबसीरीज का हिस्सा बन चुका है। इसके अलावा हॉलीवुड और टॉलीवुड जैसी अन्य फिल्म इंडस्ट्रीज़ ने भी इस मुगलकालीन धरोहर की खूबसूरती को अपने कैमरे में उतारा है।

बॉलीवुड की बात करें तो...
फिल्म "मुगल-ए-आजम", "ताजमहल: एन इटरनल लव स्टोरी", "प्यार तो होना ही था", "हम दिल दे चुके सनम", "फैन", "बेफिक्रे", और हाल की "मिशन मजनूं" जैसी फिल्मों में ताज की झलक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हॉलीवुड भी पीछे नहीं
ब्रैड पिट और ऐंजलीना जोली जैसे अंतरराष्ट्रीय सितारे भी ताजमहल की पृष्ठभूमि में शूटिंग कर चुके हैं। "द बेस्ट एक्सॉटिक मैरीगोल्ड होटल" जैसी फिल्मों ने भी ताज को बड़े परदे पर जगह दी।

ओटीटी और म्यूजिक वीडियोज का नया दौर
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज होने वाली वेबसीरीज में भी ताजमहल की लोकप्रियता बरकरार है। साथ ही, कई म्यूजिक वीडियो और एलबम्स की शूटिंग भी ताज की पृष्ठभूमि में की गई है, जिससे यह युवा पीढ़ी के बीच भी खासा लोकप्रिय बना हुआ है।

पर्यटन को भी मिला बढ़ावा
ताजमहल फिल्मों के जरिए केवल कला प्रेमियों को नहीं, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। हर बार जब यह किसी फिल्म या वेबसीरीज में नजर आता है, आगरा में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है।

फिल्मकारों की नजर में ताज
फिल्म निर्देशक अक्सर कहते हैं कि ताजमहल केवल एक इमारत नहीं, बल्कि भावना और दृश्यात्मक प्रतीक है, जो हर फ्रेम को खास बना देता है।

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