Samachar Nama
×

भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया, नौसेना में रचा इतिहास

भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया, नौसेना में रचा इतिहास

भारतीय नौसेना ने एक और इतिहास रच दिया है। सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं। शिक्षक दंपती की यह होनहार बेटी बचपन से ही देश सेवा का सपना देखती थी, और अब उसने न सिर्फ अपने सपनों को उड़ान दी है, बल्कि देश की बेटियों के लिए एक नई राह भी खोल दी है।

विशाखापत्तनम में आयोजित एक गरिमामयी समारोह में आस्था पूनिया को 'विंग्स ऑफ गोल्ड' से नवाजा गया। यह सम्मान नौसेना में फाइटर पायलट की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दिया जाता है। इस ऐतिहासिक पल में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रशिक्षकों और उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में आस्था ने अपने विंग्स ग्रहण किए।

राजस्थान की रहने वाली आस्था पूनिया एक शिक्षक दंपती की बेटी हैं। उन्होंने बचपन में ही ठान लिया था कि वह देश की रक्षा सेवाओं में जाकर नाम कमाएंगी। इस संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने कठिन परिश्रम, अनुशासन और समर्पण का रास्ता चुना। एयरक्राफ्ट ऑपरेशन, नेविगेशन, एविएशन फिजिक्स और उड़ान से जुड़े तमाम विषयों में ट्रेनिंग लेकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।

आस्था की इस उपलब्धि पर पूरे देश में गर्व की लहर है। भारतीय नौसेना ने उन्हें फाइटर पायलट के रूप में तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया, जिसमें उन्होंने हर कसौटी पर खुद को साबित किया। अब वे मिग-29K जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को उड़ाने में सक्षम हैं, जो नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात रहते हैं।

नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आस्था पूनिया की यह उपलब्धि 'नारी शक्ति' को वास्तविक अर्थों में आगे ले जाने वाली है। इससे नौसेना में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।

अपने सम्मान समारोह के बाद आस्था ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह मेरे लिए गर्व और जिम्मेदारी दोनों का क्षण है। मैंने बचपन से ही आसमान में उड़ने का सपना देखा था। आज मैं जो कुछ भी हूं, उसमें मेरे माता-पिता, प्रशिक्षकों और देश की सेना का बड़ा योगदान है।"

आस्था पूनिया की यह ऐतिहासिक उड़ान सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि देश की बेटियों के सपनों को पंख देने वाली एक मिसाल है। उनका यह कदम भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।

Share this story

Tags