उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के फैक्टरी एक्ट के तहत पंजीकरण के लिए विशेष शिविर आयोजित

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा बुधवार को एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें औद्योगिक इकाइयों के फैक्टरी एक्ट के तहत पंजीकरण को लेकर जागरूकता फैलाने के प्रयास किए गए। इस शिविर का उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और फैक्टरी एक्ट के तहत पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना था।
इस अवसर पर यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी और क्षेत्रीय प्रबंधक सीके मौर्य उपस्थित रहे। दोनों अधिकारियों ने इस शिविर की महत्ता पर प्रकाश डाला और पंजीकरण प्रक्रिया के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि फैक्टरी एक्ट के तहत पंजीकरण करने से औद्योगिक इकाइयों को कई लाभ मिलते हैं, जिनमें सुरक्षा मानकों का पालन और कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियां सुनिश्चित करना शामिल है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा, "यूपीसीडा का यह प्रयास है कि औद्योगिक इकाइयां सही तरीके से पंजीकरण करवाकर अपने कार्यक्षेत्र में कानूनों का पालन करें और सुरक्षित कार्य वातावरण बनाए रखें। यह पंजीकरण न केवल औद्योगिक इकाइयों की विश्वसनीयता बढ़ाता है, बल्कि इससे राज्य में औद्योगिक उत्पादन में भी सुधार आता है।"
शिविर में औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों को फैक्टरी एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज, प्रक्रिया और नियमों की विस्तृत जानकारी दी गई। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि यह पंजीकरण केवल औद्योगिक इकाइयों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके कर्मचारियों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों को लागू करने में मदद करता है।
सीके मौर्य ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि जितनी अधिक से अधिक औद्योगिक इकाइयां इस प्रक्रिया से गुजरें, उतनी ही ज्यादा सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित हो सके। इस शिविर के आयोजन से औद्योगिक इकाइयों को पंजीकरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।"
इस शिविर का आयोजन औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ औद्योगिक इकाइयों के लिए नियमों और मानकों के पालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था। इसमें विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और फैक्टरी एक्ट के तहत पंजीकरण प्रक्रिया से संबंधित अपने सवालों के उत्तर प्राप्त किए।
यह शिविर राज्य में औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा और कर्मचारियों के कल्याण को भी सुनिश्चित करेगा।