विरासत सम्भालने में नाकाम रही सपा! जन इए 31 साल बाद क्यों खाली करणी पड़ेगी मुलायम सिंह यादव की कोठी ? नोटिस जारी
यूपी के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। जी हां, समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को 31 साल पहले आवंटित बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया है। यह बंगला सिविल लाइंस के प्रमुख इलाके में स्थित है और वर्तमान में सपा के जिला कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने सपा को 30 दिनों के भीतर बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया है। जिसके बाद मुरादाबाद से लेकर लखनऊ तक सपा नेताओं में हड़कंप मच गया है।
आपको बता दें कि 13 जुलाई 1994 को यह बंगला तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को महज 250 रुपये मासिक किराए पर आवंटित किया गया था। उस समय मुलायम सिंह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। करीब 1000 वर्ग मीटर में फैला यह बंगला सिविल लाइंस के चक्कर की मिलक में है और इसका स्वामित्व राज्य सरकार के पास है। वर्तमान में इस संपत्ति का बाजार मूल्य करोड़ों रुपये में आंका जा रहा है, लेकिन किराया अभी भी 250 रुपये है।
आवंटन रद्द करने के कारण
जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने बताया कि कोठी का आवंटन रद्द करने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं:
मुलायम सिंह यादव के निधन (10 अक्टूबर 2022) के बाद, सपा ने संपत्ति हस्तांतरण के लिए आवेदन नहीं किया।
यह ज़मीन सरकारी योजनाओं और अधिकारियों के आवास के लिए ज़रूरी है।
सरकारी हित में संपत्ति का बेहतर उपयोग।
प्रशासनिक कार्रवाई और नोटिस
जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम वित्त ने सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को नोटिस भेजा है। नोटिस में 30 दिन के भीतर कोठी खाली करके प्रशासन को सौंपने का आदेश दिया गया है। अगर समय सीमा के भीतर कोठी खाली नहीं की गई, तो प्रशासन कानूनी कार्रवाई करेगा और प्रतिदिन 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रशासन इस संपत्ति को सरकारी आवास या प्रशासनिक उपयोग के लिए पुनर्जीवित करने की योजना बना रहा है।
सपा के लिए चुनौती
यह कोठी सपा का जिला मुख्यालय होने के साथ-साथ पार्टी के लिए प्रतीकात्मक महत्व भी रखती है। इस फैसले से सपा को नया कार्यालय तलाशने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

