गाजीपुर में सोनम रघुवंशी की स्थिति, 14 घंटे सखी-वन स्टॉप सेंटर में बिताए, भाई से बात करने की जिद

राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में गिरफ्तार हुई सोनम रघुवंशी की गाजीपुर में हुई स्थिति ने कई सवालों को जन्म दिया है। सोनम को गाजीपुर में प्रारंभिक इलाज के बाद मंगलवार सुबह पांच बजे सखी-वन स्टॉप सेंटर भेजा गया, जहां वह लगभग 14 घंटे तक रही। इस दौरान उसकी स्थिति बेहद गुमसुम और परेशान करने वाली रही।
सखी-वन स्टॉप सेंटर में बिताए घंटे
सूत्रों के मुताबिक, सोनम ने सखी-वन स्टॉप सेंटर में दिन का अधिकतर समय थकान के कारण सोकर बिताया। हालांकि, वह सुबह जल्दी उठ गई और पूरे दिन चुपचाप गुमसुम रही। कभी वह लेटती तो कभी बैठती, और उसके चेहरे पर स्पष्ट चिंता और बेचैनी देखी जा सकती थी।
भाई से बात करने की जिद
सोनम का व्यवहार इस दौरान कुछ खास था, क्योंकि वह बार-बार नजदीक आने वालों से एक ही गुहार लगा रही थी कि "मुझे अपने भाई से बात करनी है, करा दीजिए।" यह एक दिलचस्प और भावनात्मक पहलू था, क्योंकि उसके परिवार के सदस्यों से इस समय कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। सोनम के इस व्यवहार ने पुलिस और अधिकारियों के मन में सवाल उठाए कि क्या उसकी मानसिक स्थिति सामान्य है, या फिर वह किसी मानसिक दबाव का सामना कर रही है।
पुलिस की जांच
सोनम का गाजीपुर में बिताया गया समय और उसका भाई से बात करने का आग्रह अब जांच का हिस्सा बन गया है। पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि क्या सोनम को किसी ने दबाव में डालकर गाजीपुर भेजा था, या वह खुद वहां पहुंची थी। साथ ही, उसकी मानसिक स्थिति को लेकर भी पुलिस पूरी जांच करने की योजना बना रही है।
मनोवैज्ञानिक पहलू
यह घटना मानसिक दबाव और भावनात्मक अस्थिरता के गंभीर मुद्दे को भी उजागर करती है। सोनम का व्यवहार यह संकेत दे सकता है कि उसे किसी मानसिक संकट या घबराहट का सामना हो रहा था। इसका मतलब यह हो सकता है कि उसे पूरी स्थिति को लेकर एक तनावपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ा, जो उसे गुमसुम और अवसादित बना रहा था।
अगले कदम
अब पुलिस की प्राथमिकता यह होगी कि वह सोनम से अधिक जानकारी प्राप्त कर सके, ताकि इस पूरे मामले में सच्चाई सामने आ सके। साथ ही, यह भी जानना जरूरी है कि सोनम के इस व्यवहार का कोई विशेष कारण था या फिर वह किसी अन्य प्रकार के मानसिक दबाव में थी।