स्याना हिंसा केस: कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हुईं शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी, कहा— 'मुझे न्याय मिल गया'
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में अदालत के फैसले के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने न्याय मिलने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “मुझे न्याय मिल गया है।” 2018 में हुए इस सनसनीखेज मामले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की ड्यूटी के दौरान हिंसक भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
कोर्ट के फैसले के बाद रजनी सिंह ने भावुक होते हुए मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “मेरे पति ने मुझे कसम दी थी कि अगर उन्हें कुछ हो जाए तो कभी पुलिस की नौकरी मत करना। मैंने उस कसम को आज तक निभाया है। न खुद पुलिस की नौकरी की और न ही अपने दोनों बेटों को इस पेशे में जाने दिया।”
रजनी सिंह ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे उन्हें संतोष मिला है। उन्होंने कहा कि कानून पर उन्हें पूरा भरोसा था और आज उन्हें महसूस हुआ कि न्यायिक प्रक्रिया भले ही समय ले, लेकिन सच की जीत होती है।
क्या है स्याना हिंसा मामला?
3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र में कथित गोकशी की अफवाह के बाद एक भीड़ ने उग्र प्रदर्शन किया था। इस दौरान जमकर बवाल हुआ और हिंसक भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में स्याना के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भीड़ ने सरकारी संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुँचाया था।
घटना के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया था और कई संगठनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। लंबी जांच और सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है, जिसे लेकर शहीद की पत्नी ने राहत की सांस ली है।
"मेरे बच्चों ने अपने पिता को बहुत छोटी उम्र में खोया"
रजनी सिंह ने भावुक होते हुए कहा, “मेरे बच्चे बहुत छोटे थे जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया। मैंने उन्हें संभाला, पढ़ाया, और हर मोर्चे पर खड़ी रही। आज जब कोर्ट ने फैसला सुनाया है, तो ऐसा लग रहा है कि उनके बलिदान को मान्यता मिली है।”
पुलिस महकमे में भी फैसले पर प्रतिक्रिया
पुलिस विभाग में भी इस फैसले के बाद हलचल है। कई अधिकारियों ने शहीद सुबोध कुमार सिंह की निष्ठा और कर्तव्यपरायणता को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा आदर्श अधिकारी रहे हैं, और उनका बलिदान पुलिस बल के लिए प्रेरणा है।

