सावन के पहले सोमवार के लिए श्री काशी विश्वनाथ धाम तैयार, आठ लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान
सावन मास का पहला सोमवार शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है और इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम पूरी तरह से श्रद्धा और भक्ति के रंगों में रंग चुका है। मंदिर प्रशासन ने व्यापक तैयारियों के साथ धाम को सजाया है और अनुमान है कि इस बार भी करीब आठ लाख श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए काशी पहुंचेंगे।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, पिछले वर्षों की तरह इस बार भी भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ने की संभावना है। 2022 और 2023 में सावन के पहले सोमवार को यहां 8 से 10 लाख के बीच श्रद्धालु पहुंचे थे। ऐसे में प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से पहले पूरी कर ली हैं।
इस बार भी खास बात यह है कि बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा (चल विग्रह) का विशेष शृंगार किया जाएगा। यह चल प्रतिमा उन श्रद्धालुओं को दर्शन का सौभाग्य देती है जो मुख्य गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाते। बाबा के शृंगार में रुद्राक्ष, चंदन, बेलपत्र, पुष्पमालाएं और पारंपरिक वस्त्रों का उपयोग होगा, जिसे विशेष तौर पर वाराणसी के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है।
काशी विश्वनाथ धाम परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है। रंग-बिरंगी लाइटिंग, धार्मिक ध्वज, और फूलों से मंदिर की शोभा और अधिक आकर्षक हो गई है। भक्ति संगीत, शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच पूरा धाम भक्तिमय माहौल में डूबा हुआ है।
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए मंदिर प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीमों ने व्यवस्था संभाल ली है। भारी भीड़ को देखते हुए दर्जनों अतिरिक्त कंट्रोल रूम, 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे, और प्रशासनिक निगरानी ड्रोन की मदद से की जा रही है।
कांवड़ियों के लिए विशेष रूट प्लान, पेयजल व्यवस्था, मेडिकल सुविधा और रुकने के लिए विश्राम स्थल बनाए गए हैं। साथ ही हजारों स्वयंसेवक व प्रशासनिक अधिकारी भी श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैनात रहेंगे।
वाराणसी के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त ने भी रविवार को तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि इस बार दर्शन को लेकर ‘नो टच दर्शन’ प्रणाली भी लागू की गई है, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और किसी को असुविधा न हो।
सावन के पहले सोमवार पर बाबा के दर्शन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन बाबा को जल और बेलपत्र अर्पित करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
वाराणसी एक बार फिर सावन की शिवभक्ति में सराबोर है और श्री काशी विश्वनाथ धाम तैयार है उस भक्ति-सैलाब को स्वागत देने के लिए, जो शिवभक्तों की अगाध आस्था का प्रतीक है।

