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भारत में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामलों में चौंकाने वाली रिपोर्ट, टॉप पर रहा यह अनोखा शहर

भारत में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामलों में चौंकाने वाली रिपोर्ट, टॉप पर रहा यह अनोखा शहर

शादी एक पवित्र रिश्ता माना जाता है, जो विश्वास, समर्पण और भावनात्मक जुड़ाव पर आधारित होता है। मगर बदलते दौर में इस रिश्ते में दरारें भी तेजी से बढ़ रही हैं। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर यानी विवाहेतर संबंध अब समाज में एक सामान्य-सी बात बनते जा रहे हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने पूरे देश को चौंका दिया है, जिसमें भारत के उस शहर का खुलासा किया गया है, जहां सबसे ज्यादा एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामले दर्ज हुए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के जिस शहर ने सबसे ज्यादा विवाहेतर संबंधों के मामले दर्ज किए हैं, वह न तो मेट्रो शहर दिल्ली है, न ही मुंबई, बेंगलुरु या कोलकाता। यह शहर है जमशेदपुर, जो झारखंड का एक प्रमुख औद्योगिक शहर है। रिपोर्ट के अनुसार, जमशेदपुर में प्रति 1000 विवाहित लोगों में से सबसे ज्यादा लोग किसी न किसी तरह से एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन में शामिल पाए गए हैं। यह खुलासा एक निजी डेटिंग ऐप की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आया है, जहां लोगों की लोकेशन और व्यवहार के आधार पर यह विश्लेषण किया गया।

क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे रिश्ते?

विशेषज्ञों की मानें तो डिजिटल कनेक्टिविटी और सोशल मीडिया की बढ़ती पकड़ ने लोगों को नए लोगों से जुड़ने का आसान जरिया दे दिया है। लोग अब आसानी से अपनी निजी जिंदगी को छुपाकर किसी और से संबंध बना सकते हैं। वहीं, शादीशुदा जिंदगी में अगर आपसी संवाद की कमी हो, भावनात्मक दूरी बढ़ जाए या एकरसता आ जाए, तो कई लोग बाहर रिश्तों की तलाश करने लगते हैं।

मनोवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से लोगों की मानसिकता में भी काफी बदलाव आया है। लॉकडाउन के दौरान बढ़े तनाव, अकेलापन और दांपत्य कलह ने भी इस चलन को बढ़ावा दिया।

रिपोर्ट में अन्य शहरों की स्थिति

रिपोर्ट में जहां जमशेदपुर टॉप पर है, वहीं उसके बाद भोपाल, गुवाहाटी, इंदौर और कटक जैसे शहरों का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है। दिलचस्प बात यह है कि आमतौर पर बड़े महानगरों को इस सूची में सबसे ऊपर माना जाता था, मगर अब छोटे शहरों में इस तरह के मामलों की बढ़ती संख्या एक नई सामाजिक चिंता बन गई है।

सामाजिक ताना-बाना और असर

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर समाज के ताने-बाने को भी प्रभावित कर रहे हैं। इससे न सिर्फ परिवार टूट रहे हैं, बल्कि बच्चों की मानसिक सेहत पर भी गहरा असर पड़ रहा है। साथ ही, तलाक के मामलों में भी बीते कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि देखने को मिली है।

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