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स्कूल वैन हादसा, बिखरी रोटियां, खून से लथपथ वर्दी और मासूम की पुकार—'मैम कहां

स्कूल वैन हादसा: बिखरी रोटियां, खून से लथपथ वर्दी और मासूम की पुकार—'मैम कहां हैं?'

सुबह की सड़कों पर आमतौर पर स्कूल जाते बच्चों की चहक सुनाई देती है, लेकिन शुक्रवार की सुबह का एक दृश्य इतना दर्दनाक था कि जिसने भी देखा, उसकी आंखें भर आईं। टूटी हुई पानी की बोतलें सड़क किनारे लुड़की पड़ी थीं। पास ही एक छोटा बैग खुला पड़ा था, जिसमें से टिफिन बाहर गिर चुका था। उसका ढक्कन खुला हुआ था और उसमें रखी रोटी-सब्जी सड़क पर बिखरी थी।

कुछ ही मीटर की दूरी पर स्कूल की वर्दी पहने एक नन्हा बच्चा जमीन पर लहूलुहान पड़ा था। सिर से लगातार खून बह रहा था, लेकिन उसकी मासूम जुबान पर बस एक ही सवाल था—"मैम कहां हैं?" यह दृश्य दिल को झकझोर देने वाला था। जिस वैन में कुछ ही देर पहले बच्चों की खिलखिलाहट गूंज रही थी, वह अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त अवस्था में सड़क किनारे खड़ी थी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भीषण था कि वैन सड़क से फिसलकर खंभे से टकराई और पलट गई। बच्चे चारों ओर बिखर गए। किसी का बैग दूर जा गिरा, किसी की बोतल टूट गई, तो किसी के कपड़े खून से सने थे। पास खड़े लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े, बच्चों को गोद में उठाया, किसी ने 108 पर फोन किया, तो किसी ने माता-पिता को खबर दी।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की एक टीम बच्चों के इलाज में जुट गई। एक बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि बाकी बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया गया।

अभी तक हादसे की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में वैन चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार सामने आ रही है। साथ ही वैन में सुरक्षा मानकों की कमी और ओवरलोडिंग जैसे सवाल भी उठ खड़े हुए हैं।

यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम और समाज को चेताने वाला एक संकेत है—क्या हमारे बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदम पर्याप्त हैं?

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