मोनाड विवि खरीदने के लिए हुड्डा ने खपाई संजय भाटी की काली कमाई, 140 करोड़ में हुआ था सौदा

मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा ने करीब तीन साल पहले बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी से काले धन से यूनिवर्सिटी खरीदी थी। जांच में पता चला है कि संजय ने जेल जाने के बाद निवेशकों से एकत्र किए गए करीब 2,000 करोड़ रुपये हुड्डा को दिए थे, ताकि जेल से बाहर आने के बाद वह इसे वापस ले सकें।
हुड्डा ने इस धन का एक बड़ा हिस्सा लंदन भागने के बाद निवेश कर दिया। इसके बाद वे श्रीलंका गए और वहां कई राजनेताओं के संपर्क में आकर उन्होंने खनन पट्टा प्राप्त कर लिया। अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद उस पर घोषित पांच लाख रुपये का इनाम रद्द कर दिया गया। इसके बाद वे भारत लौट आए और मोनाड यूनिवर्सिटी को 140 करोड़ रुपये में खरीदने का सौदा किया।
उन्होंने विश्वविद्यालय के पूर्व मालिकों को केवल 70 करोड़ रुपये दिये। वह शेष राशि देने में देरी करने लगा। जांच में पता चला कि विजेंद्र फर्जी डिग्री और मार्कशीट रैकेट से कमाए गए पैसे को मेरठ में अपने एक निर्माणाधीन कॉलेज पर खर्च कर रहा था। एसटीएफ को शक है कि विजेंद्र ने बाइक बोट घोटाले से जुटाई गई काली कमाई को पहले फर्जी कंपनियों में निवेश किया और बाद में उससे मोनाड यूनिवर्सिटी खरीद ली। सूत्रों का कहना है कि इसी बात को लेकर संजय भाटी और हुड्डा के बीच रंजिश चल रही थी।
पूर्व मालिकों से पूछताछ की जाएगी।
एसटीएफ विश्वविद्यालय के पूर्व मालिकों से भी पूछताछ करेगी। जांच में पता चला कि विश्वविद्यालय में यह गोरखधंधा करीब पांच साल से चल रहा था। बाद में अचानक विश्वविद्यालय हुड्डा को बेच दिया गया। अब इस बात की पूरी जांच की जाएगी कि किन परिस्थितियों में उन्होंने विश्वविद्यालय को बेचा। छापेमारी के दौरान एसटीएफ ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की टेबल से आपत्तिजनक वस्तुएं और शक्तिवर्धक दवाएं भी बरामद कीं। इस पहलू की भी जांच की जाएगी।