उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बुधवार को कानून व्यवस्था को लेकर एक तीव्र तकरार देखने को मिली। नेता सदन और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य में अपराध को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि योगी सरकार में अपराध और अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में अपराध करने वाले और उन्हें संरक्षण देने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के लोग सामने आ रहे हैं। उनके अनुसार, प्रदेश सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और अपराधी अब पुलिस के शिकंजे में हैं।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने इसके जवाब में कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और रक्षक ही भक्षक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल के मुकाबले अब अपराध और हिंसा के मामलों में वृद्धि हो रही है। यादव ने आरोप लगाया कि योगी सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए विपक्षी दलों पर आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का कोई नामो-निशान नहीं है, और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
इस पर बहस और आरोप-प्रत्यारोप के बाद, सपा के सदस्यों ने विधान परिषद से वॉकआउट किया। सपा ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए कहा कि प्रदेश में अपराध और हिंसा पर काबू पाने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है।
इस घटनाक्रम ने विधानसभा में एक बार फिर कानून-व्यवस्था को लेकर बहस को हवा दी है। विपक्षी दलों के आरोप और सरकार के बचाव ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और विपक्षी दल किस प्रकार से इसे अपने चुनावी अभियान का हिस्सा बनाते हैं।

