उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों के कायाकल्प के लिए 2000 करोड़ रुपये मंजूर, अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संपूर्ण कायाकल्प के लिए 2000 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है। यह बजट वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्वीकृत किया गया है और इसे बेसिक शिक्षा विभाग की अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना माना जा रहा है। इस निर्णय से प्रदेश के लाखों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बेहतर आधारभूत सुविधाएं मिलने की उम्मीद है।
सरकार का उद्देश्य सरकारी स्कूलों की दशा सुधारना और उन्हें निजी स्कूलों की तर्ज पर आधुनिक, सुरक्षित और बच्चों के लिए अनुकूल बनाना है। इस योजना के तहत विद्यालयों में कक्षाओं की मरम्मत, स्मार्ट क्लास रूम, शौचालयों का निर्माण, स्वच्छ पेयजल, पुस्तकालय, खेल सामग्री, कंप्यूटर लैब, बिजली, रंगाई-पुताई और चारदीवारी जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यह फैसला एक बड़े शैक्षणिक सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार का मानना है कि यदि बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा तो वे न केवल नियमित स्कूल आएंगे, बल्कि उनका शैक्षिक स्तर भी बेहतर होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना के तहत राज्य के सभी 1.5 लाख से अधिक सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को शामिल किया जाएगा। स्कूलों की भौतिक स्थिति के आधार पर धनराशि का वितरण किया जाएगा। पहले चरण में उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है।
इसके अलावा, स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लासेस, प्रोजेक्टर और ई-कंटेंट की व्यवस्था भी इस योजना में की जाएगी। शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने वाले कदम भी इस निवेश योजना का हिस्सा होंगे।
शिक्षाविदों और अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में "स्कूल चलो अभियान", "मिशन कायाकल्प" और "अभ्युदय योजना" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश सरकार सरकारी विद्यालयों में सुधार की दिशा में लगातार काम कर रही है। अब यह नया बजट उस दिशा में एक और मजबूत कड़ी जोड़ता है।
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और परियोजना की निगरानी के लिए जिलों में अलग से निगरानी समितियां गठित की जाएंगी।
यह बजट केवल विद्यालयों की भौतिक संरचना को बेहतर करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक समग्र और सकारात्मक बदलाव की नींव रखता है।

