बीमा के नाम पर 100 करोड़ की ठगी! संभल में बड़े रैकेट का पर्दाफाश, मामले में अबतक दर्जनों लोग गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में अंतरराज्यीय बीमा घोटाले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने इस रैकेट के मास्टरमाइंड और "बीमा माफिया" को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही, पिछले छह महीनों में इस घोटाले से जुड़े मामलों में गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान पंकज कुमार ढाली के रूप में हुई है, जिससे पुलिस हिरासत में पूछताछ की जा रही है।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आरोपी फर्जी दस्तावेजों और फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर बीमा क्लेम और पर्सनल लोन के नाम पर धोखाधड़ी करता था। पुलिस ने उसके कब्जे से 33 पैन कार्ड, 28 आधार कार्ड और 39 चेक बुक जब्त की हैं। यह बीमा घोटाला हत्या जैसी घटनाओं से शुरू हुआ था, ताकि मृतक के नाम पर बीमा राशि का दावा किया जा सके।
एसपी ने बताया कि बाद में इस रैकेट ने अपना तरीका पूरी तरह बदल दिया। नई योजना के तहत, फर्जी आईडी बनाकर अज्ञात लोगों के नाम पर लोन और बीमा पॉलिसी जारी की जाती थीं। उनके नाम पर मोटी रकम ठगी जाती थी। पुलिस जाँच में पता चला कि आरोपियों ने दिल्ली के दिहाड़ी मजदूर धर्मेंद्र की पहचान लेकर उसे फॉलन केस लैब प्राइवेट लिमिटेड नामक एक फर्जी कंपनी का कर्मचारी दिखाया।
जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर लाखों का लोन ले लिया
यहाँ चौंकाने वाली बात यह है कि धर्मेंद्र जीवित था, फिर भी उसके नाम पर 12.5 लाख रुपये और 5 लाख रुपये के दो लोन पास कर दिए गए। इसी मामले में, पहले गिरफ्तार किए गए शाहरुख नाम के आरोपी ने धर्मेंद्र के नाम पर लगभग 90 लाख रुपये की बीमा पॉलिसियाँ ली थीं। बीमा राशि हड़पने के लिए उसने जीबी पंत अस्पताल से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और धर्मेंद्र की मृत्यु का झूठा दावा किया।
इस तरह गुमराह करके किया करोड़ों का घोटाला
शाहरुख को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आरोपी पंकज कुमार ढाली पर पंजाब (गुरदासपुर), उत्तराखंड (हरिद्वार और उधम सिंह नगर) और उत्तर प्रदेश (बरेली, बागपत, मुरादाबाद) जैसे कई राज्यों के लोगों को अपनी कथित फर्जी कंपनी का कर्मचारी दिखाने का आरोप है। इसी आधार पर बीमा कंपनियों को गुमराह करके करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया।
12 राज्यों में फैला नेटवर्क, 100 करोड़ रुपये की ठगी
एसपी ने बताया, "यह एक बड़ा अंतरराज्यीय बीमा घोटाला है। मात्र छह महीनों में इस नेटवर्क से जुड़े 67 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। जाँच अभी जारी है। जैसे-जैसे नए खुलासे होंगे, पुलिस उन्हें साझा करेगी।" आपको बता दें कि इस रैकेट का नेटवर्क 12 राज्यों में फैला है। यह गिरोह 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की ठगी कर चुका है। पुलिस संबंधित राज्यों के अधिकारियों के संपर्क में रहकर जाँच को आगे बढ़ा रही है।

