वोटर लिस्ट रिवीजन पर घमासान, तेजस्वी यादव ने किया 9 जुलाई को चक्का जाम का ऐलान

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे को लेकर राज्य में लगातार बयानबाजी तेज होती जा रही है। अब आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाते हुए 9 जुलाई को चक्का जाम आंदोलन का ऐलान किया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरेगा और 9 जुलाई को राज्यभर में चक्का जाम किया जाएगा, ताकि आम जनता की आवाज चुनाव आयोग तक पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट के रिवीजन की प्रक्रिया में भेदभाव और गड़बड़ियां की जा रही हैं।
महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात
शुक्रवार को महागठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ बैठक की और उन्हें अपनी आपत्तियां एवं सुझाव सौंपे। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए कि वह वोटर लिस्ट रिवीजन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाए और आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड, जॉब कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेजों को मान्यता दे।
तेजस्वी ने कहा:
"अगर सरकार वाकई मतदाता सूची को सही करना चाहती है तो उसे उन दस्तावेजों को भी स्वीकार करना चाहिए जो गरीब और ग्रामीण मतदाताओं के पास मौजूद हैं।"
क्या है पूरा विवाद?
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस प्रक्रिया में वोटरों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं और भाजपा के पक्ष में चुनावी जमीन तैयार की जा रही है।
तेजस्वी यादव और महागठबंधन का कहना है कि गरीब, दलित, महादलित और अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं, ताकि उनका मतदान प्रभावित हो और सत्ता पक्ष को फायदा पहुंचे।
भाजपा का पलटवार
वहीं भाजपा ने महागठबंधन के आरोपों को निराधार बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि वोटर लिस्ट की प्रक्रिया पूरी तरह चुनाव आयोग की देखरेख में हो रही है और इसमें किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप नहीं है।