गंगा का बढ़ता जलस्तर बना चिंता का विषय, अस्सी घाट और शीतला मंदिर डूबे, मोटरबोट पर आरती पर रोक
गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और स्थिति अब गंभीर होती नजर आ रही है। मंगलवार को गंगा के उफान के चलते बनारस के ऐतिहासिक अस्सी घाट पर स्थित 'सुबह-ए-बनारस' मंच का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया। इसके साथ ही घाट के पास स्थित शीतला माता का मंदिर और वहां स्थापित विग्रह (मूर्ति) पूरी तरह से डूब गए हैं।
गंगा के इस रौद्र रूप को देखते हुए प्रशासन और जल पुलिस पूरी तरह सतर्क हो गई है। दशाश्वमेध घाट पर भी पानी तेजी से फैलता जा रहा है और अब जल पुलिस की चौकी तक गंगा का पानी पहुंच चुका है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है।
आरती देखने मोटरबोट पर लगी रोक
वाराणसी की पहचान मानी जाने वाली गंगा आरती को देखने के लिए रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु मोटरबोट का सहारा लेते हैं, लेकिन बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव को देखते हुए जल पुलिस ने मंगलवार को मोटरबोट पर आरती देखने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है।
जल पुलिस के अनुसार, फिलहाल केवल ज़रूरी संचालन की अनुमति दी जा रही है और किसी भी निजी नाव या मोटरबोट को घाटों के पास ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। गंगा के जलस्तर में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है, इसलिए आगामी दिनों में और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
शहर के घाटों पर बाढ़ का साया
अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट और चेतसिंह घाट सहित कई प्रमुख घाटों पर पानी चढ़ चुका है। सुबह-ए-बनारस जैसे सांस्कृतिक आयोजन अब बाधित होने लगे हैं, जिससे स्थानीय कलाकारों और पर्यटकों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने घाटों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे गंगा के किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं। साथ ही, नाविकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी नावों को सुरक्षित स्थान पर बांध कर रखें।
बाढ़ की तैयारी शुरू
वाराणसी जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया है। संभावित बाढ़ से निपटने के लिए नगर निगम, एनडीआरएफ और जल पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। राहत एवं बचाव कार्यों की रणनीति पर भी काम शुरू कर दिया गया है।

