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बिजली दरों में 40-45% बढ़ोतरी का संशोधित प्रस्ताव दाखिल, मंजूरी मिलने पर उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बोझ

बिजली दरों में 40-45% बढ़ोतरी का संशोधित प्रस्ताव दाखिल, मंजूरी मिलने पर उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बोझ

उत्तर प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। पाॅवर काॅर्पोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग (UPERC) के समक्ष बिजली दरों में 40 से 45 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का संशोधित प्रस्ताव दाखिल किया है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली के लिए अपनी जेब और अधिक ढीली करनी पड़ेगी। खासकर ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर इसका सीधा और भारी असर देखने को मिलेगा।

🔌 ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के लिए कितनी बढ़ेगी दर?

संशोधित प्रस्ताव के अनुसार,

  • ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट दर अधिकतम ₹8 तक पहुंच सकती है।

  • वहीं, शहरी उपभोक्ताओं के लिए यह दर ₹9 प्रति यूनिट तक हो सकती है।

इसके अतिरिक्त, उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट दर के साथ-साथ:

  • प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज,

  • विद्युत कर,

  • और अन्य शुल्क भी चुकाने होंगे।

इन सभी शुल्कों को जोड़ने के बाद एक यूनिट बिजली की कुल लागत ₹12 से ₹13 तक पहुंच सकती है।

⚡ आम उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?

यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर मध्यमवर्गीय और निम्नवर्गीय उपभोक्ताओं की जेब पर असर डालेगी।

  • ग्रामीण इलाकों में जहां पहले से ही बिजली आपूर्ति अनियमित रहती है, वहां दरों में यह भारी इजाफा उपभोक्ताओं के लिए बड़ा झटका होगा।

  • वहीं शहरी क्षेत्रों में रहने वाले किरायेदार, छोटे दुकानदार और मध्यमवर्गीय परिवारों पर बिजली बिल का बोझ और बढ़ जाएगा।

🏢 पाॅवर काॅर्पोरेशन का पक्ष

पाॅवर काॅर्पोरेशन का तर्क है कि बिजली उत्पादन लागत, ट्रांसमिशन खर्च और तकनीकी सुधारों की लागत बढ़ने के कारण दरों में बढ़ोतरी आवश्यक हो गई है। निगम का यह भी कहना है कि वर्तमान दरें बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति को बनाए रखने के लिए अपर्याप्त हैं।

📉 उपभोक्ता संगठनों का विरोध

बिजली दरों में इस भारी वृद्धि को लेकर उपभोक्ता संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि:

  • यह बढ़ोतरी मुद्रास्फीति और बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता पर एक और बोझ है।

  • बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है, फिर भी दरें लगातार बढ़ाई जा रही हैं।

🧾 आगे की प्रक्रिया

  • विद्युत नियामक आयोग अब इस संशोधित प्रस्ताव पर सार्वजनिक सुनवाई करेगा।

  • विभिन्न हितधारकों की राय जानने के बाद आयोग अंतिम फैसला सुनाएगा।

  • यदि प्रस्ताव को हरी झंडी मिलती है, तो नई दरें आगामी महीनों में लागू हो सकती हैं।

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