साइबर ठगों ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर से ठगें 12 लाख रुपये, पुलिस में दर्ज हुआ मामला

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर को साइबर ठगों ने एक सुनियोजित तरीके से शिकार बना लिया। ठगों ने उन्हें मानव तस्करी के मामले में फंसा कर, डिजिटल तरीके से गिरफ्तार होने का डर दिखाया और 12 लाख रुपये की भारी रकम ठग ली। बुजुर्ग प्रोफेसर एक घंटे के भीतर ठगों के दबाव में आ गए और बैंक जाकर रकम ट्रांसफर कर दी। हालांकि, एक सप्ताह बाद जब ठगों ने फिर से रकम की मांग की, तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
घटना की शुरुआत उस समय हुई, जब प्रोफेसर के पास एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को एक सरकारी अधिकारी बताया और बताया कि वह मानव तस्करी मामले की जांच कर रहा है। उन्होंने प्रोफेसर को धमकी दी कि अगर वह सहयोग नहीं करते तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ठगों ने उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिए कि यह मामला बहुत गंभीर है, पुलिस की तरफ से डिजिटल गिरफ्तारी का डर भी दिखाया।
ठगों ने प्रोफेसर से कहा कि उन्हें तत्काल एक बड़ी रकम ट्रांसफर करनी होगी ताकि उनका नाम इस मामले में न जुड़ सके। डर के मारे प्रोफेसर ने बैंक जाकर अपनी जमा पूंजी में से 12 लाख रुपये ठगों के बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि यदि वह ऐसा करते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी और मामला सुलझ जाएगा।
एक सप्ताह बाद, ठगों ने फिर से प्रोफेसर को कॉल किया और उनसे और पैसे की मांग की। इस बार प्रोफेसर को कुछ शक हुआ और उन्होंने इस मामले की गंभीरता को समझा। उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने प्रोफेसर की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और साइबर ठगों की तलाश शुरू कर दी है।
यह घटना फिर से यह साबित करती है कि साइबर ठग किस तरह से बुजुर्गों और आम नागरिकों को अपने जाल में फंसाकर भारी रकम ठग लेते हैं। पुलिस प्रशासन ने सभी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि यदि किसी को इस तरह के कॉल आते हैं, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। इसके अलावा, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान भी ग्राहकों को ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।