नक्शा पास कराने की बाध्यता समाप्त, शहरी इलाकों में व्यावसायिक और आवासीय भवनों की सहूलत

प्रदेश सरकार ने शहरी इलाकों में विकास प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए नए कदम उठाए हैं। अब नक्शा पास कराने, भू-उपयोग व वसूली की प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं, जिससे न केवल विकास कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि नागरिकों को भी आसानी होगी।
शहरी इलाकों में चौड़ी सड़कों पर अब आवासीय और व्यावसायिक भवन एक साथ
प्रदेश सरकार ने चौड़ी सड़कों पर आवासीय भवनों के साथ-साथ दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी है। इससे शहरी इलाकों में व्यावसायिक और आवासीय उपयोग को एक साथ बढ़ावा मिलेगा। इस नीति का उद्देश्य शहरी विकास को सुव्यवस्थित और विकास को गति देना है, ताकि लोग आवासीय जरूरतों के साथ-साथ अपने व्यापारिक कार्य भी एक ही स्थान पर कर सकें।
नक्शा पास करने की बाध्यता खत्म
अब तक आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों पर निर्माण शुरू करने के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य था, लेकिन अब 100 वर्ग मीटर के आवासीय और 30 वर्ग मीटर के व्यावसायिक भूखंडों पर नक्शा पास कराने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। इससे निर्माण प्रक्रिया में तेजी आएगी और छोटे निर्माणकर्ताओं को भी काम में आसानी होगी।
पंजीकरण के बाद ही होगा निर्माण
अब इन भूखंडों पर निर्माण के लिए सिर्फ संबंधित विकास प्राधिकरण में पंजीकरण कराना होगा, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। यह कदम सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार में कमी लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
सरकार का बयान
यूपी के नगर विकास मंत्री ने इस फैसले के बारे में कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य प्रदेश में निर्माण कार्यों को सरल, पारदर्शी और तेज बनाना है। नए प्रावधानों से विकास कार्यों में सुगमता आएगी और नागरिकों को भी राहत मिलेगी। इससे ना केवल आवासीय और व्यावसायिक भवनों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, बल्कि शहरी विकास में सुधार होगा।”