धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का खुलासा: ‘रिवर्ट’ कोड वर्ड से करते थे पहचान, निकाह के बाद लड़कियों की घर वापसी होती थी मुश्किल
उत्तर प्रदेश में सक्रिय धर्मांतरण कराने वाले एक संगठित गिरोह का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला है कि यह गिरोह धर्मांतरण के लिए ‘रिवर्ट’ नामक कोड वर्ड का प्रयोग करता था, जिसका अर्थ होता है ‘घर वापसी’। गिरोह की रणनीति इतनी सुनियोजित थी कि धर्मांतरण की प्रक्रिया को वैधानिक रूप देने के लिए पहले स्थानीय समाचारपत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किए जाते थे, फिर अदालत में अर्जी दाखिल कर दस्तावेज तैयार कराए जाते थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक बार दस्तावेज तैयार हो जाने और निकाह की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद पीड़ित लड़कियों के लिए घर वापस लौटना लगभग असंभव हो जाता था। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि गिरोह धर्मांतरण के बाद लड़कियों को मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग कर देता था।
एटीएस और आईबी की पूछताछ में खुली परतें
रविवार को इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के अधिकारियों ने गहन पूछताछ की। पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
जांच एजेंसियों को मिले अहम दस्तावेज
सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों को ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि धर्मांतरण के मामलों को वैध साबित करने के लिए सुनियोजित तरीके से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया। अदालत में प्रस्तुत किए जाने वाले हलफनामे, पहचान पत्र और निकाहनामा आदि फर्जी तरीके से तैयार कराए जाते थे।
सरकार सख्त, जांच का दायरा बढ़ा
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया है। प्रदेश के गृह विभाग ने सभी जिलों को सतर्क रहने और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि धर्मांतरण से जुड़े ऐसे नेटवर्क को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

