धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश, छांगुर के चार सहयोगी पूर्वांचल में कराते थे अवैध धर्मांतरण, STF ने जुटाए पुख्ता सुबूत
अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के नेटवर्क का दायरा लगातार बड़ा होता जा रहा है। यूपी एसटीएफ (विशेष कार्य बल) की जांच में सामने आया है कि छांगुर के चार करीबी सहयोगी पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में संगठित तरीके से धर्मांतरण करवा रहे थे। ये सभी लोग पहले से ही आजमगढ़ में दर्ज एक मुकदमे में आरोपी हैं और अब ATS थाने में दर्ज की गई ताज़ा FIR में भी नामजद किए गए हैं।
कौन है छांगुर और क्या है उसका नेटवर्क?
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर, बलरामपुर का रहने वाला है और काफी समय से गोपनीय रूप से धर्मांतरण गतिविधियों में संलिप्त था। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि छांगुर अकेला नहीं था, बल्कि उसका एक सक्रिय नेटवर्क पूर्वांचल में फैला हुआ था, जो योजनाबद्ध तरीके से आर्थिक प्रलोभन, मानसिक दबाव और धार्मिक प्रचार के माध्यम से कमजोर वर्गों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था।
इन चारों सहयोगियों की भूमिका
एसटीएफ को जिन चार सहयोगियों के नाम और गतिविधियों के पुख्ता सबूत मिले हैं, वे पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों से ताल्लुक रखते हैं।
इनकी पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है लेकिन जानकारी के अनुसार:
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ये सभी सुनियोजित तरीके से गांवों में जाकर लोगों को निशाना बनाते थे।
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पहले उन्हें धार्मिक पुस्तकों, मुफ्त चिकित्सा सहायता, शिक्षा और आर्थिक सहायता का लालच दिया जाता था।
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फिर उन्हें एक विशेष धर्म की ओर आकर्षित कर, औपचारिक रूप से धर्मांतरण कराया जाता था।
दो साल पहले आजमगढ़ में दर्ज हुआ था मुकदमा
छांगुर के इन सहयोगियों पर दो साल पहले आजमगढ़ में भी एक धर्मांतरण से जुड़ा केस दर्ज हुआ था, लेकिन प्रभाव और नेटवर्क के चलते उस समय उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब एसटीएफ ने छांगुर से पूछताछ के दौरान मिले इनपुट्स और सबूतों के आधार पर एटीएस थाने में नई FIR दर्ज की है, जिसमें इन चारों को भी मुख्य आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।
एसटीएफ की सक्रियता और अगली कार्रवाई
एसटीएफ ने इस पूरे नेटवर्क को राष्ट्र विरोधी साजिश के तौर पर चिन्हित किया है। अब तक मिली जानकारी के आधार पर कई अन्य जिलों में भी इस गिरोह की सक्रियता के संकेत मिले हैं। जल्द ही एसटीएफ की टीम इनके ठिकानों पर छापेमारी और पूछताछ कर सकती है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक:
“यह कोई सामान्य मामला नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा संगठित अवैध धर्मांतरण अभियान है। जिन लोगों को गुमराह किया गया है, उनकी पहचान कर पुनः मूलधर्म में वापसी और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”

