काशी में पांच साल बाद एक दिन में रिकॉर्ड बारिश, जलभराव के बीच भी कांवड़ियों की आस्था अडिग
वाराणसी (काशी) में रविवार को मौसम ने रौद्र रूप दिखाया। पिछले पांच वर्षों में पहली बार एक दिन में रिकॉर्ड 120 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश रविवार की भोर और रात के दौरान हुई। इससे पहले 2019 में एक दिन में 103 मिमी बारिश हुई थी।
रविवार तड़के करीब 3 बजे से शुरू हुई यह गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ मूसलधार बारिश ने शहर की रफ्तार थाम दी। सड़कों पर जलभराव, नालियों का ओवरफ्लो और ट्रैफिक जाम की स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। कई प्रमुख बाजारों, मोहल्लों और कॉलोनियों में पानी भर गया, जिससे स्थानीय निवासियों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
लेकिन बारिश की विकरालता भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी। सावन के पहले सोमवार से पहले रविवार को ही श्री काशी विश्वनाथ धाम में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। तेज बारिश और बिजली कड़कने के बावजूद कांवड़िये कतारों में डटे रहे और 'हर-हर महादेव' के जयघोष करते रहे।
शिवभक्तों ने गीले वस्त्रों में ही जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार किया और कई ने तो गंगाजल के साथ भजन-कीर्तन करते हुए अपनी भक्ति को जारी रखा। यह दृश्य दिखाता है कि काशी में शिवभक्ति बारिश से भी बड़ी है।
नगर निगम और प्रशासन की ओर से जलनिकासी के प्रयास किए गए, लेकिन भारी बारिश की वजह से कई पंपिंग स्टेशन भी प्रभावित हुए। लक्सा, भेलूपुर, सिगरा, और गोदौलिया जैसे प्रमुख इलाकों में जलभराव की स्थिति दिनभर बनी रही।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है, साथ ही कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी भी दी है।
शहर के नागरिकों और श्रद्धालुओं से प्रशासन ने अपील की है कि वह सावधानी बरतें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। वहीं, नगर निगम की टीमें जलनिकासी में जुटी हुई हैं।
यह रिकॉर्ड बारिश भले ही काशीवासियों के लिए कुछ घंटों की परेशानी लेकर आई हो, लेकिन सावन में भगवान शिव की कृपा मानकर श्रद्धालु इसे शिव वर्षा का आशीर्वाद मान रहे हैं। काशी की गलियों में बारिश और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने यह साबित कर दिया कि यह शहर सिर्फ एक भूगोल नहीं, बल्कि एक आस्था का जीवंत प्रतीक है।

