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 एक आधार पर 100 लोगों को बांटा राशन, नाबालिगों के नाम पर भी लूट, जांच में हुआ खुलासा

 एक आधार पर 100 लोगों को बांटा राशन, नाबालिगों के नाम पर भी लूट, जांच में हुआ खुलासा

यूपी के बहुचर्चित अनाज घोटाले की सीआईडी ​​जांच में खुलासा हुआ है कि बरेली, आगरा और मेरठ मंडल में एक आधार कार्ड पर 90 से 100 अपात्र लोगों को राशन बांटा जा रहा था। इस साजिश में नाबालिगों का भी इस्तेमाल किया गया। सीआईडी ​​ने करीब 5 साल से लंबित तीनों विभागों के 134 मामलों में से 110 का निपटारा कर दिया है। साथ ही शासन ने संबंधित जिलों के एडीएम और जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की संस्तुति की है। कुछ डीएसओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी संस्तुति की गई है। बीपीएल परिवारों के हिस्से का अनाज हड़पकर राशन विक्रेताओं (कोटेदारों) ने इस घोटाले को अंजाम दिया था। इसकी शिकायतें शासन तक पहुंचीं। इसके बाद 2015 से 2018 तक तीनों विभागों में मुकदमे दर्ज हुए। इनकी जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपी गई। जांच आगे न बढ़ने पर फरवरी 2024 में सभी मामले अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) को ट्रांसफर कर दिए गए।

आधार प्रमाणीकरण का दुरुपयोग

जांच में पता चला कि घोटाले को अंजाम देने के लिए आधार प्रमाणीकरण का दुरुपयोग किया गया। खाद्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने राशन डीलरों से मिलीभगत कर वास्तविक लाभार्थियों की जगह किसी और का आधार एडिट कर अपलोड कर दिया और उन्हें राशन बेचना शुरू कर दिया। इनमें कई नाबालिग भी थे। वहीं, शासन को रिपोर्ट भेजते समय वास्तविक लाभार्थी का आधार विवरण भर दिया गया। इससे शासन स्तर पर फर्जीवाड़ा पकड़ में नहीं आ सका और वास्तविक लाभार्थी राशन से वंचित रह गए।

मेरठ के तत्कालीन डीएसओ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति

खाद्यान्न घोटाले में सीआईडी ​​मेरठ ने एक मामले की जांच कर तत्कालीन डीएसओ विकास गौतम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है। इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। कई जिला पूर्ति निरीक्षकों, राशन डीलरों, सेल्समैन, कंप्यूटर ऑपरेटरों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। कई लापरवाह एडीएम और डीएसओ भी जांच के दायरे में हैं।

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लगाई जा रही एल-1 डिवाइस: रणवीर

मुख्य सचिव खाद्य एवं खाद्य आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि राशन की दुकानों पर कार्डधारकों के अंगूठे के निशान लेने के लिए एल-1 तकनीक लागू की जा रही है। इसमें डिवाइस तभी अंगूठे के निशान को स्वीकार करेगी, जब उसमें रक्त प्रवाह होगा। इससे किसी के अंगूठे के निशान की नकल नहीं हो सकेगी। 30 जून तक ई-पॉस मशीनों के साथ एल-1 आधारित डिवाइस लगा दी जाएंगी। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा।

गरीबों को राशन प्राथमिकता

गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। सीआईडी ​​विशेष अभियान चलाकर खाद्यान्न घोटाले से जुड़े मामलों की जांच कर रही है, ताकि गरीब लाभार्थियों को उनका हक मिल सके। घोटाले में शामिल अधिकारियों और राशन डीलरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।

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