दुष्कर्म पीड़िता ने दिया बच्चे को जन्म, पुलिस ने कराया डीएनए सैंपलिंग, जांच में तेजी

क्षेत्र के एक गांव से सामने आए दुष्कर्म के संवेदनशील मामले में अब जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। सात मई को पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया था, जिसके बाद पुलिस ने गुरुवार को मां और नवजात शिशु का डीएनए सैंपल लिया। पुलिस द्वारा आरोपित व्यक्ति का भी डीएनए सैंपल लिया गया है, ताकि वैज्ञानिक जांच के जरिए मामले की सच्चाई सामने लाई जा सके।
पुलिस ने क्या कहा?
इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे सीओ ऑपरेशन मुनींद्र पाल ने बताया कि “दुष्कर्म के इस मामले में तीनों – पीड़िता, आरोपित और नवजात – का डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नवजात का जैविक पिता कौन है और आरोप की पुष्टि वैज्ञानिक रूप से की जा सके।”
कब हुआ था मामला दर्ज?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ माह पूर्व पीड़िता ने गांव के ही एक युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पीड़िता गर्भवती हो गई और 7 मई को एक बच्चे को जन्म दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपित को हिरासत में ले लिया था, लेकिन अब डीएनए परीक्षण के जरिए पुख्ता सबूत जुटाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
क्यों महत्वपूर्ण है डीएनए परीक्षण?
इस मामले में डीएनए परीक्षण सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है। यदि डीएनए सैंपल मिलान करता है, तो यह अदालत में पुख्ता सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकेगा। इससे पीड़िता को न्याय दिलाने की राह और मजबूत हो जाएगी, वहीं यदि सैंपल मेल नहीं खाते, तो आरोपित को राहत भी मिल सकती है।
संवेदनशीलता के साथ हो रही जांच
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूरे मामले की जांच अत्यंत गोपनीयता और संवेदनशीलता के साथ की जा रही है। महिला पुलिस कर्मियों की निगरानी में पीड़िता और बच्चे के सैंपल लिए गए, और उन्हें सुरक्षित लैब में भेजा गया है। रिपोर्ट आने में कुछ दिन लग सकते हैं, जिसके बाद पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी।