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ट्रेन की चपेट में आया रानीपुर टाइगर रिजर्व का बाघ शावक, इलाज के दौरान मौत

ट्रेन की चपेट में आया रानीपुर टाइगर रिजर्व का बाघ शावक, इलाज के दौरान मौत

रानीपुर टाइगर रिजर्व से सटे मध्यप्रदेश के मानिकपुर-मझगवां वन क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में बाघ के पांच माह के शावक की मौत हो गई। शनिवार रात हजारा नाले के पास जब शावक रेल लाइन पार कर रहा था, तभी एक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गया। इंजन की टक्कर से वह दूर जाकर पटरी किनारे गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गया।

इंजन की टक्कर से उड़ा संतुलन

घटना शनिवार देर रात की है जब मानिकपुर से मझगवां के बीच जंगल के हजारा नाले के पास ट्रेन गुजर रही थी। उसी दौरान बाघ का शावक रेल लाइन पार कर रहा था। अचानक तेज गति से आ रहे इंजन से उसकी भीषण टक्कर हो गई। शावक उछलकर पटरी के किनारे जा गिरा और लहूलुहान हो गया।

ट्रेन चालक ने दी सूचना

ट्रेन के लोको पायलट ने घटना के बाद मझगवां स्टेशन पहुंचकर स्टेशन मास्टर को हादसे की सूचना दी। इसके बाद वन विभाग को जानकारी दी गई। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल शावक को तत्काल इलाज के लिए मुकुंदपुर स्थित जंगल सफारी जू में भेजा गया।

इलाज के दौरान तोड़ा दम

हालांकि वन विभाग की टीम ने उसे बचाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन गंभीर चोटों के चलते शावक ने रविवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मुकुंदपुर वन क्षेत्र के चिकित्सकों ने उसकी मौत की पुष्टि की है।

वन्य जीवों के लिए खतरा बनी रेल लाइन

यह हादसा एक बार फिर वन्य जीवों के लिए रेल मार्गों की खतरनाक स्थिति को उजागर करता है। खासकर जंगलों से गुजरने वाली रेलवे लाइनों पर वन्य जीवों की आवाजाही आम बात है, लेकिन उनकी सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं किए जाते। इससे पहले भी पेंथर्स, हाथियों और तेंदुओं की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

वन विभाग ने जताया दुख

वन विभाग के अधिकारियों ने शावक की मौत पर गहरा दुख जताया है और रेलवे से सुरक्षित क्रॉसिंग या अंडरपास बनाए जाने की मांग दोहराई है। अधिकारियों का कहना है कि शावक की उम्र महज पांच माह थी और वह अपने मां के साथ विचरण कर रहा होगा, तभी यह हादसा हुआ।

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