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रक्षाबंधन 9 अगस्त को, इस बार नहीं रहेगा भद्रा का साया — दिनभर बांध सकेंगी बहनें राखी

रक्षाबंधन 9 अगस्त को, इस बार नहीं रहेगा भद्रा का साया — दिनभर बांध सकेंगी बहनें राखी

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और अटूट स्नेह का पर्व रक्षाबंधन इस बार 9 अगस्त, शनिवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाने वाला यह पर्व इस वर्ष खास संयोग लेकर आ रहा है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस बार भद्रा का साया रक्षाबंधन पर नहीं रहेगा, जिससे बहनें दिनभर कभी भी भाई को राखी बांध सकती हैं

पंडितों के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन सुबह से दोपहर 2:24 बजे तक 'सर्वार्थ सिद्धि योग' रहेगा, जो कि किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है। इसके बाद भी दिनभर शुभ योग बने रहेंगे, जिससे राखी बांधने का समय और भी सुविधाजनक हो गया है।

विशेष बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल नहीं पड़ रहा, जो आमतौर पर शुभ कार्यों में बाधा मानी जाती है। पिछले कई वर्षों में भद्रा के कारण बहनों को राखी बांधने में समय का विशेष ध्यान रखना पड़ता था, लेकिन इस बार ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।

पंचांग के अनुसार, बहनों को राखी बांधने के लिए कुल 7 घंटे 37 मिनट का शुभ समय मिलेगा। यह अवधि पूरे दिन फैली होगी, जिससे उन परिवारों को भी आसानी होगी जिनके भाई बहन दूर रहते हैं या ऑफिस आदि की व्यस्तताओं के कारण समय निकालना कठिन होता है।

रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:

  • श्रावण पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त रात 10:18 बजे

  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त रात 7:44 बजे

  • राखी बांधने का श्रेष्ठ समय: 9 अगस्त सुबह 6:00 बजे से दोपहर 2:24 बजे तक (सर्वार्थ सिद्धि योग)

  • कुल शुभ समय: 7 घंटे 37 मिनट

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करेगा, क्योंकि इस दिन चंद्रमा कुम्भ राशि में और श्रवण नक्षत्र में होगा, जो प्रेम, भाईचारे और परस्पर विश्वास को बढ़ाने वाला संयोग है।

रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है। रंग-बिरंगी राखियों से दुकानें सज चुकी हैं, और मिठाई की दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ देखने को मिल रही है। ऑनलाइन माध्यम से भी राखी और उपहार भेजने का चलन तेजी से बढ़ रहा है।

इस बार का रक्षाबंधन न सिर्फ शुभ योगों से भरा है, बल्कि इसमें कोई बाधा या अशुभ संयोग न होने के कारण यह पर्व और भी उल्लास और आनंद के साथ मनाया जा सकेगा।

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