उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल के तहत गोरखपुर जिले के नए जिलाधिकारी (डीएम) के रूप में आईएएस दीपक मीणा की नियुक्ति की है। दीपक मीणा 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और वर्तमान में गाजियाबाद जिले के डीएम के पद पर तैनात थे। अब वे गोरखपुर के प्रशासनिक मुखिया के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
राजस्थान मूल के दीपक मीणा प्रशासनिक सेवा में अपने सशक्त और प्रभावशाली कार्यों के लिए पहचाने जाते हैं। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में भी वर्ष 2019 से 2022 तक जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत रहे हैं, जहाँ उन्होंने कई अहम योजनाओं को ज़मीन पर उतारकर प्रशासनिक दक्षता का उदाहरण प्रस्तुत किया था।
दीपक मीणा की नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब गोरखपुर, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद भी है, विभिन्न विकास परियोजनाओं और कानून व्यवस्था के मामलों को लेकर विशेष ध्यान का केंद्र बना हुआ है। सरकार की नजर इस जिले पर लगातार बनी रहती है, ऐसे में एक अनुभवी और कुशल प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति को एक अहम कदम माना जा रहा है।
गाजियाबाद में डीएम के रूप में दीपक मीणा ने शहरी विकास, यातायात सुधार और जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में कई डिजिटल पहलें की गईं, जिससे सरकारी सेवाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी। कोविड-19 महामारी के समय उनकी संकट प्रबंधन क्षमताओं की सराहना की गई थी, जब उन्होंने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं और राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया।
सिद्धार्थनगर में उनके कार्यकाल के दौरान भी शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले थे। किसानों और ग्रामीण समुदायों के हित में योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए भी उन्हें सराहा गया।
गोरखपुर में डीएम पद की जिम्मेदारी संभालना न केवल प्रशासनिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह राजनीतिक रूप से भी अत्यधिक संवेदनशील पद माना जाता है। यहाँ की जनसंख्या, विकास परियोजनाओं की संख्या और क्षेत्रीय महत्व को देखते हुए एक दक्ष प्रशासनिक अधिकारी की ज़रूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
सूत्रों के अनुसार, दीपक मीणा जल्द ही गोरखपुर में अपना कार्यभार संभाल सकते हैं। उनके आने से जिले में प्रशासनिक कार्यों में और अधिक तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। खास तौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर विकास और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर उनका ध्यान केंद्रित रहेगा।

