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रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को नई गति, बुढ़वल-गोंडा कचहरी के बीच चौथी लाइन निर्माण को मिली मंजूरी, 796 करोड़ की लागत से होगा कार्य

रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को नई गति: बुढ़वल-गोंडा कचहरी के बीच चौथी लाइन निर्माण को मिली मंजूरी, 796 करोड़ की लागत से होगा कार्य

भारतीय रेल द्वारा अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास, विस्तार और सुदृढ़ीकरण के तहत लगातार महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। इसी क्रम में एक और अहम परियोजना को मंजूरी मिली है। अब बुढ़वल-गोंडा कचहरी (Budhwal-Gonda Kachahri) खंड के बीच चौथी रेल लाइन बिछाने की योजना को सरकार की स्वीकृति मिल गई है।

करीब 55.75 किलोमीटर लंबे इस खंड में चौथी लाइन निर्माण की अनुमानित लागत 796.30 करोड़ रुपये होगी। यह परियोजना भारतीय रेलवे के उच्च घनत्व यातायात नेटवर्क (High Density Traffic Network) के अंतर्गत आती है, जहां ट्रेन यातायात अत्यधिक रहता है और मौजूदा ट्रैक पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

रेल मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना के पूरा होने से लाइन की क्षमता में लगभग 78 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। इससे मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों दोनों के संचालन में सुविधा होगी और ट्रेनों की लेट-लतीफी पर भी अंकुश लगेगा।

🚆 परियोजना के प्रमुख लाभ:

  • यातायात घनत्व में कमी: मौजूदा ट्रैक पर अत्यधिक ट्रैफिक के कारण ट्रेनों को अक्सर रुकना पड़ता है। चौथी लाइन से यह दबाव कम होगा।

  • संचालन में तेजी: ट्रेनों की रफ्तार और समयबद्धता में सुधार होगा।

  • मालवाहन को बढ़ावा: इंडस्ट्रियल फ्रेट मूवमेंट के लिए अतिरिक्त लाइन से बड़ा फायदा मिलेगा।

  • सुरक्षा और सिग्नलिंग: नए ट्रैक में उन्नत सिग्नलिंग व आधुनिक तकनीक का प्रयोग होगा।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि परियोजना पर जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा और इसे निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। यह न सिर्फ उत्तर प्रदेश के गोंडा, बाराबंकी और आसपास के जिलों के लिए महत्त्वपूर्ण होगा, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र में रेल नेटवर्क की मजबूती में सहायक सिद्ध होगा।

बुढ़वल-गोंडा खंड पर चौथी लाइन बिछाए जाने से लखनऊ, गोरखपुर, सीतापुर, बलरामपुर, बहराइच जैसे अन्य मार्गों पर भी रेल यातायात संतुलित होगा। इसके चलते यात्री और माल परिवहन दोनों क्षेत्र में रेलवे को अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा।

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