मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश, 30 जून तक PWD की 18 प्रमुख योजनाओं के प्रस्ताव सभी जिलों से अनिवार्य रूप से प्राप्त हों

उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों की रफ्तार को तेज़ करने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग (PWD) की 18 प्रमुख योजनाओं को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि प्रदेश के सभी 75 जिलों से 30 जून तक इन योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लिए जाएं।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान दिए, जिसमें प्रदेश में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि जिलाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रस्ताव तय समयसीमा के भीतर भेजना सुनिश्चित करें।
विकास योजनाएं हों जनहित आधारित, न कि राजनीतिक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि
“विकास का लाभ राजनीतिक क्षेत्रफल नहीं, बल्कि स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर दिया जाना चाहिए। योजनाओं का चयन इस बात को ध्यान में रखते हुए किया जाए कि वह जनता की वास्तविक ज़रूरतों को पूरा करें।”
उन्होंने जोर दिया कि राजनीतिक संतुलन के लिए योजनाएं बांटना ठीक नहीं, बल्कि गांव, कस्बे और शहर की ज़रूरतों को प्राथमिकता देना ज़रूरी है। इससे सरकारी योजनाओं का प्रभाव ज़मीन पर दिखाई देगा, और लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
जिलाधिकारियों को निभानी होगी सक्रिय भूमिका
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि जिलाधिकारी खुद इस प्रक्रिया की निगरानी करें, और स्थानीय विधायकों, सांसदों, ब्लॉक प्रमुखों एवं ग्राम प्रधानों से संवाद कर योजनाओं के प्रस्ताव तैयार कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी जिले से प्रस्ताव प्राप्त न होना लापरवाही मानी जाएगी।
क्या हैं प्रमुख 18 योजनाएं?
हालांकि बैठक में योजनाओं की सूची सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार इनमें सड़क निर्माण, पुल-पुलिया, ग्रामीण संपर्क मार्ग, शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर, स्कूल भवनों की मरम्मत व निर्माण आदि प्रमुख योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत हजारों करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश भर में निर्माण कार्य होने हैं।
तय समयसीमा में काम की नीति
सीएम योगी ने दोहराया कि सरकार की प्राथमिकता समयबद्धता और गुणवत्ता है। उन्होंने कहा कि योजनाओं में देरी या लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रस्ताव भेजने की डेडलाइन 30 जून तय की गई है, और इसके बाद किसी भी जिले से आई प्रस्तावना स्वीकृत नहीं