गाजियाबाद में फर्जी दूतावास संचालक हर्षवर्धन जैन के लंदन कनेक्शन और चंद्रास्वामी से जुड़ी जांच जारी
गाजियाबाद से एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन जैन के खिलाफ जांच एजेंसियां गहराई से छानबीन कर रही हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हर्षवर्धन का लंदन से खास कनेक्शन है, जो उसके फर्जी दूतावास के खेल को और भी जटिल बना देता है। साथ ही विवादित धर्मगुरु चंद्रास्वामी से भी उसके संबंधों के तार जुड़े होने की जानकारी मिल रही है।
फर्जी दूतावास का खुलासा
गाजियाबाद के कविनगर इलाके में हर्षवर्धन जैन ने चार देशों के दूतावास का फर्जी सेटअप चलाया था। यहां पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय की मुहर वाले नकली दस्तावेज बनाए और जारी किए जा रहे थे। इस मामले में अब तक 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट भी बरामद किए जा चुके हैं।
लंदन कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच
जांच एजेंसियां हर्षवर्धन के लंदन कनेक्शन को लेकर भी गहन जांच कर रही हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हर्षवर्धन का विदेशों में कुछ संदिग्ध नेटवर्क से संपर्क है, जिससे फर्जी पासपोर्ट और दस्तावेज बनाने का यह जाल व्यापक रूप ले चुका था। एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि क्या इस फर्जी दूतावास का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय अपराध या किसी अन्य अवैध गतिविधि के लिए किया गया है।
चंद्रास्वामी से संबंधों की भी जांच
जांच में यह भी पता चला है कि हर्षवर्धन जैन के विवादित धर्मगुरु चंद्रास्वामी से भी गहरे संबंध हैं। चंद्रास्वामी के राजनीतिक और सामाजिक कनेक्शनों का हवाला देते हुए इस मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। एजेंसियां इस कनेक्शन की तह तक जाकर पता लगा रही हैं कि इन दोनों के बीच क्या वित्तीय या अन्य प्रकार के संबंध थे।
आगे की जांच जारी
जांच एजेंसियां हर्षवर्धन जैन की पूरी कुंडली निकालने में लगी हैं। उसकी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों का विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां उसके सहयोगियों और संभावित मददगारों की भी पहचान कर रही हैं।

