पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण: जुलाई के पहले पखवाड़े में जारी हो सकता है टेंडर

उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला जल्द सामने आ सकता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) प्रबंधन द्वारा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस संबंध में निजीकरण का टेंडर जुलाई के पहले पखवाड़े में कभी भी जारी किया जा सकता है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पावर कॉर्पोरेशन द्वारा दोनों वितरण निगमों की कार्यप्रणाली का तकनीकी, वित्तीय और कानूनी मूल्यांकन पहले ही पूरा किया जा चुका है। अब निजी कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए निविदा दस्तावेज तैयार हैं और अनुमोदन की अंतिम प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही हरी झंडी मिलती है, टेंडर सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
क्यों किया जा रहा है निजीकरण?
पूर्वांचल और दक्षिणांचल क्षेत्र में लंबे समय से विद्युत वितरण में लाइन लॉस, बिलिंग की अनियमितता, राजस्व वसूली में कमी और तकनीकी फॉल्ट जैसी समस्याएं बनी हुई हैं। पावर कॉर्पोरेशन का मानना है कि निजी कंपनियों के आने से प्रबंधन में पारदर्शिता, सेवा की गुणवत्ता में सुधार और राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी हो सकेगी।
निजीकरण को लेकर बढ़ सकती है हलचल
हालांकि, इस फैसले को लेकर कर्मचारियों और बिजली विभाग के संगठनों में हलचल बढ़ने के आसार हैं। पहले भी जब राज्य सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण की योजना बनाई थी, तब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था और हड़ताल तक की चेतावनी दी थी। अब एक बार फिर यह मुद्दा गर्मा सकता है।
टेंडर प्रक्रिया और संभावित मॉडल
सूत्रों की मानें तो यह निजीकरण फ्रेंचाइज़ी मॉडल या पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत किया जा सकता है, जिसमें निजी कंपनी को वितरण का अधिकार तो मिलेगा, लेकिन संपत्तियों का मालिकाना हक राज्य सरकार के पास ही रहेगा।
सरकार की रणनीति
राज्य सरकार और ऊर्जा विभाग इस पूरे कदम को उपभोक्ता हित में बता रहे हैं। उनका कहना है कि निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को समय पर बिजली, बेहतर बिलिंग सिस्टम और फॉल्ट रिपेयरिंग जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।
आगे क्या?
अब निगाहें जुलाई के पहले पखवाड़े पर टिकी हैं, जब यह बहुप्रतीक्षित टेंडर जारी होने की संभावना है। एक बार टेंडर निकलने के बाद प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है और इस वर्ष के अंत तक निजी कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपे जाने की योजना बनाई जा रही है।