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बच्चों और जनता के उत्साह ने रोक दीं राष्ट्रपति मुर्मू की गाड़ी, पैदल चलकर किया अभिवादन

बच्चों और जनता के उत्साह ने रोक दीं राष्ट्रपति मुर्मू की गाड़ी, पैदल चलकर किया अभिवादन

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मंगलवार को उस वक्त एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला जब देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, आम जनता और बच्चों के उत्साह को देखकर खुद को रोक नहीं सकीं। वे अपने काफिले के साथ आयुष विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह से लौट रही थीं, तभी असुरन चौराहे पर आम लोगों और बच्चों की भीड़ देखकर उन्होंने गाड़ी रुकवाई और पैदल चलकर लोगों का अभिवादन किया

बच्चों और महिलाओं ने बढ़ाया राष्ट्रपति का उत्साह

जैसे ही राष्ट्रपति का काफिला असुरन चौराहे पर पहुंचा, वहां पहले से मौजूद छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और स्थानीय नागरिक उन्हें देखने को आतुर थे। लोगों के हाथों में राष्ट्रीय ध्वज और स्वागत-पताकाएं थीं। बच्चे "राष्ट्रपति जी की जय!" जैसे नारे लगाते हुए हाथ हिला रहे थे।

राष्ट्रपति मुर्मू ने यह दृश्य देखा तो गाड़ी रुकवाकर गाड़ी से नीचे उतर गईं और कुछ कदम पैदल चलकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया। यह देख वहां मौजूद हर कोई रोमांचित हो गया।

सुरक्षा कर्मियों में मची हलचल

राष्ट्रपति के अचानक गाड़ी से उतरकर भीड़ की ओर बढ़ने से सुरक्षा एजेंसियों की धड़कनें तेज हो गईं। एसपीजी और स्थानीय पुलिसकर्मियों ने तत्काल सुरक्षा घेरा बनाकर स्थिति को नियंत्रित किया। हालांकि, माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण और स्वागतपूर्ण था।

राष्ट्रपति की सादगी और आत्मीयता ने जीता दिल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह सहजता और सादगी एक बार फिर देखने को मिली। बिना किसी औपचारिकता के वे जनता के बीच पहुंचीं, हाथ जोड़कर नमस्कार किया और मुस्कराकर बच्चों से संवाद किया। लोगों ने भी "भारत माता की जय" और "राष्ट्रपति जी ज़िंदाबाद" के नारे लगाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

स्थानीय लोग हुए भावुक

राष्ट्रपति को अपने बीच इस तरह पैदल चलते देख कई लोग भावुक हो उठे। वहां मौजूद एक बुजुर्ग महिला ने कहा,

"आज ऐसा लगा जैसे कोई अपनेपन से मिलने आया हो। राष्ट्रपति जी का यह रूप देखकर गर्व महसूस हुआ।"

एक स्कूली छात्रा ने कहा,

"मैंने कभी नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति हमें इतने पास से मिलेंगी। आज का दिन मेरी ज़िंदगी का सबसे खास दिन बन गया।"

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