Samachar Nama
×

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू, जनसंख्या आकलन 22 जुलाई तक, अंतिम सूची 10 अगस्त तक

 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू, जनसंख्या आकलन 22 जुलाई तक, अंतिम सूची 10 अगस्त तक

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2025 की तैयारियों का आगाज हो गया है। चुनाव की प्रक्रिया के पहले चरण के तहत शुक्रवार से राज्य भर में ग्राम पंचायतों की जनसंख्या का आकलन शुरू हो रहा है, जो 22 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद 6 अगस्त से 10 अगस्त के बीच अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा।

पंचायती राज विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया के लिए विस्तृत समय सारणी जारी कर दी है, ताकि चुनाव कार्य पारदर्शिता और समयबद्ध ढंग से संपन्न हो सके।

क्या है जनसंख्या आकलन की प्रक्रिया?

इस प्रक्रिया के तहत राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में निवास कर रहे लोगों की संख्या का अद्यतन सर्वे किया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रत्येक पंचायत क्षेत्र में मतदाताओं की मौजूदा स्थिति का आकलन कर उसे रिकार्ड में दर्ज करना है, जिससे आरक्षण, सीटों का पुनर्गठन और वार्ड निर्धारण जैसी प्रक्रियाएं निष्पक्ष रूप से पूरी की जा सकें।

प्रमुख तिथियां:

  • 5 जुलाई से 22 जुलाई: ग्राम पंचायतों की जनसंख्या का आकलन

  • 6 अगस्त से 10 अगस्त: अंतिम सूची का प्रकाशन

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह आकलन आगामी चुनाव की संरचना तैयार करने की दिशा में अहम कदम है। इसके आधार पर आगे की सभी गतिविधियां जैसे आरक्षण सूची, सीटों की अधिसूचना, नामांकन आदि निर्धारित की जाएंगी।

क्यों महत्वपूर्ण है यह चुनाव?

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक) और जिला पंचायत स्तर पर लाखों प्रतिनिधियों का चुनाव होता है। यह लोकतंत्र की जड़ तक पहुंचने वाला सबसे बड़ा चुनाव होता है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधि चुने जाते हैं।

इन चुनावों के माध्यम से ही गांवों के विकास कार्य, सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन और ग्रामीण प्रशासन की नींव तय होती है। यही वजह है कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग इसे बेहद गंभीरता से ले रहे हैं।

विभाग की सतर्कता

पंचायती राज विभाग ने सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए हैं कि तय समयसीमा में जनसंख्या आकलन की प्रक्रिया पूरी की जाए। किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर निगरानी समितियां भी बनाई गई हैं, जो इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगी।

विभाग का कहना है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों की आपत्तियों और सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले मसौदा सूची भी जनसुनवाई के लिए जारी की जा सकती है।

Share this story

Tags