गाजीपुर में लापरवाही से गर्भवती महिला की जान पर संकट, ऑपरेशन में छूटी खून सूखाने की माप
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक गर्भवती महिला की ऑपरेशन के दौरान हुई लापरवाही के कारण उसकी जान पर संकट आ गया। 2017 में महिला का ऑपरेशन किया गया था, लेकिन बाद में उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया। जांच के बाद पता चला कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने महिला के पेट में खून सूखाने का माप छोड़ दिया था, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई।
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी तबीयत:
गाजीपुर के एक निजी अस्पताल में महिला का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। महिला को तेज दर्द और पेट में सूजन की समस्या होने लगी, जिससे परिवार के लोग चिंतित हो गए। जब महिला को अन्य अस्पताल में रेफर किया गया, तो वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद खुलासा किया कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने महिला के पेट में खून सूखाने की माप (gauze or medical pad) छोड़ दी थी। इसके कारण उसके शरीर में सूजन और खून की कमी हो गई थी, जिससे महिला की स्थिति गंभीर हो गई।
दूसरे अस्पताल में इलाज:
महिला को तुरंत दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत में सुधार लाने के लिए चिकित्सकों ने आवश्यक इलाज शुरू किया। लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया कि चिकित्सकों की लापरवाही कभी-कभी मरीज की जिंदगी के लिए खतरे का कारण बन सकती है। महिला के परिवार ने इस लापरवाही के लिए अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
चिकित्सकों की लापरवाही पर सवाल:
यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि स्वास्थ्य सेवा में लापरवाही के चलते मरीजों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ऑपरेशन के दौरान आवश्यक सावधानियां बरतना और हर माप का ध्यान रखना एक डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है। डॉक्टरों द्वारा की गई यह लापरवाही महिला की जान के लिए खतरे का कारण बनी। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या डॉक्टरों की ओर से की गई यह लापरवाही सजा योग्य नहीं है?
परिवार की प्रतिक्रिया:
महिला के परिवार ने इस मामले में न्याय की उम्मीद जताई है और कहा है कि अगर समय रहते इलाज नहीं किया जाता तो महिला की जान भी जा सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और इस लापरवाही को छुपाने की कोशिश की। परिवार के लोग अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की जांच:
गाजीपुर स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और डॉक्टरों की लापरवाही की जांच शुरू कर दी है। विभाग ने अस्पताल से संबंधित दस्तावेजों की जांच करने और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में अगर डॉक्टर की लापरवाही साबित होती है, तो उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता:
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक निगरानी और सुधार की आवश्यकता है। डॉक्टरों और अस्पतालों के कामकाजी तरीकों पर सख्ती से नजर रखने की जरूरत है ताकि किसी भी मरीज को लापरवाही का शिकार न होना पड़े।

