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ईरान-इस्राइल युद्ध से पहले फंसे प्रयागराज के तीर्थयात्री और छात्र, वापसी में दिक्कतें

ईरान-इस्राइल युद्ध से पहले फंसे प्रयागराज के तीर्थयात्री और छात्र, वापसी में दिक्कतें

ईरान और इस्राइल के बीच छिड़े ताजे युद्ध की आग ने न सिर्फ मध्य-पूर्व क्षेत्र को दहलाया है, बल्कि इससे भारतीय तीर्थयात्रियों और छात्रों की भी मुसीबतें बढ़ गई हैं। प्रयागराज से लगभग 200 तीर्थयात्री और इस्लामिक अध्ययन के लिए ईरान के मदरसों में पढ़ाई कर रहे करीब 70 छात्र इन मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं। उड़ानों की रद्दीकरण और सीमा बंद होने के कारण उनकी भारत वापसी असंभव जैसी स्थिति में पहुंच गई है। इस संकट ने उनके परिजनों की चिंता और बढ़ा दी है, जो अब दिन-रात अपनी आंखों की नींद खो चुके हैं।

तीर्थयात्रियों का संकट

प्रयागराज के विभिन्न क्षेत्रों से ईरान गए ये तीर्थयात्री धार्मिक यात्रा के उद्देश्य से ईरान पहुंचे थे, लेकिन अब उनके लिए वापसी का रास्ता बंद हो गया है। इनमें दरियाबाद, करेली, रानीमंडी, नैनी, दांदूपुर, सैदपुर, कोराली, राले, हंडिया, बहादुरगंज, जीरो रोड चक और हनुमानगंज जैसे इलाकों के लोग शामिल हैं। वे ईरान में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद भारत लौटने की तैयारी में थे, लेकिन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्ग बंद हो जाने से उनकी वापसी में समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।

विदेश में फंसे छात्र

इसके अलावा, ईरान में इस्लामिक स्टडीज के लिए शिक्षा ग्रहण करने वाले लगभग 70 भारतीय छात्र भी संकट में हैं। ईरान के मदरसों में पढ़ाई कर रहे इन छात्रों को न केवल युद्ध के माहौल में डर सता रहा है, बल्कि उनकी भारत वापसी की संभावनाएं भी बेहद संकुचित हो गई हैं। इन छात्रों का कहना है कि वर्तमान में ईरान की स्थिति बेहद तनावपूर्ण है और वे अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद अपने घर लौटने की उम्मीद में थे, लेकिन अब यह स्थिति बहुत जटिल हो गई है।

परिजनों की चिंता

इन यात्रियों और छात्रों के परिजनों में घबराहट और चिंता का माहौल है। लगातार उड़ानें रद्द हो रही हैं और स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई खास मदद की उम्मीद नहीं दिख रही। परिजनों का कहना है कि वे ईरान में फंसे अपने रिश्तेदारों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संचार के रास्ते भी कई बार अवरुद्ध हो जाते हैं। इसके कारण उन तक कोई सटीक जानकारी नहीं पहुंच पाती।

संकट के समाधान के लिए प्रयास

भारत सरकार ने फिलहाल इस स्थिति से निपटने के लिए दूतावासों और काउंसलर सेवाओं के माध्यम से सहायता की पेशकश की है। हालांकि, चूंकि युद्ध क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ गई है, अतः प्रशासन ने कोई ठोस योजना साझा नहीं की है। लेकिन भारतीय नागरिकों के सुरक्षित लौटने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।

आशा जताई जा रही है कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए एयरलाइंस और प्रशासन की ओर से पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल, सभी की निगाहें स्थिति में सुधार की ओर हैं, ताकि ये तीर्थयात्री और छात्र जल्द ही घर वापस लौट सकें।

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