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परेड नहीं कर रहे हैं पुलिस अधिकारी, बिगड़ रहा है अनुशासन, डीजीपी ने दिए बायोमैट्रिक्स कराने के निर्देश

परेड नहीं कर रहे हैं पुलिस अधिकारी, बिगड़ रहा है अनुशासन, डीजीपी ने दिए बायोमैट्रिक्स कराने के निर्देश

राज्य पुलिस के अधिकारी परेड में भाग नहीं ले रहे हैं, जिससे अनुशासन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही इस संबंध में मुख्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। इस पर शासन और डीजीपी मुख्यालय ने नाराजगी जताई है और अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस संबंध में अधीनस्थ अधिकारियों को परिपत्र जारी किया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि 29 अप्रैल को गृह सचिव की अध्यक्षता में प्रशासनिक शाखा से संबंधित कार्यों की समीक्षा के दौरान ये तथ्य सामने आए हैं। डीजीपी ने कहा कि जिलों में एसपी, सेनानायक आदि अपने कार्य के प्रति सजगता और समर्पण बनाए रखें। यह भी देखा गया है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच उचित समन्वय न होने के कारण अनुशासनहीनता की घटनाएं हो रही हैं। इसलिए वरिष्ठ अधिकारी अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करें और उनके सुख-दुख में शामिल होकर संवेदनशीलता दिखाएं। अपने कार्य और आचरण से ऐसे उदाहरण पेश करें, जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

जिले और शाखाओं में तैनात अधिकारी प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित होने वाली परेड में भाग लें। उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाए। अवकाश, यात्रा, ड्यूटी एवं अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर शुक्रवार को अधिकारी अनिवार्य रूप से परेड में भाग लें, जबकि मंगलवार को अपर पुलिस अधीक्षक, उप सेनानायक परेड में भाग लें। पुलिस लाइन की परेड में सभी कार्मिक उपस्थित रहें। इस दौरान पुलिस लाइन, बटालियन परिसर का भ्रमण कर साफ-सफाई, परेड ग्राउंड, क्वार्टर गार्ड, शस्त्रागार, बैरक, स्टोर, मेस, कैंटीन, अस्पताल, कल्याण केंद्र, परिवहन शाखा, सड़क, बिजली, पानी, स्नानघर, शौचालय, स्कूल, मनोरंजन गृह, फायर स्टेशन, कंट्रोल रूम, आवासीय व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया जाए। भ्रष्ट कर्मचारियों की तैनाती न की जाए डीजीपी ने कहा कि अक्सर कारतूस चोरी, कानून व्यवस्था ड्यूटी के दौरान फायरिंग के दौरान फायर न होना, हथियारों का ठीक से काम न करना जैसी घटनाएं भी सामने आती हैं, इसलिए हथियारों की नियमित सफाई एवं मरम्मत कार्य पर विशेष ध्यान दिया जाए। हथियारों, कारतूसों आदि का नियमित रूप से भौतिक सत्यापन किया जाए। हेड आर्मोरर, आर्मोरर के पिछले इतिहास की जानकारी रखी जाए। संदिग्ध आचरण वाले किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति न की जाए।

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