
वर्ष 1991 के ज्ञानवापी के पुराने मामले में सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में सुनवाई हुई। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से बहस पूरी हो गई। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद मुमताज अहमद, रईस अहमद अंसारी, अखलाक अहमद ने बताया कि इस मामले में सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद न्यायमित्र नियुक्त कर दिया गया है। मामले की सुनवाई सुचारू रूप से चल रही है। इस मामले से पहले भी कई लोगों के पक्षकार बनने के आवेदन खारिज हो चुके हैं। लेकिन वादी हरिहर पांडेय की मौत के बाद उनकी बेटियों के अलावा एक अन्य व्यक्ति ने पक्षकार बनने के लिए आवेदन किया था। उत्तराधिकार आवेदन का निस्तारण हो चुका है और उन्हें पक्षकार नहीं बनाया गया है। वर्तमान में पक्षकार बनने के आवेदन पर सुनवाई चल रही है। उच्च न्यायालय से शीघ्र सुनवाई का आदेश भी उक्त पत्रावली में लंबित है। बेटियों ने सिर्फ मामले को स्थगित करने की अर्जी दी है। बेटियों की ओर से पक्षकार बनने की अर्जी दाखिल की गई थी, जिस पर अभी सुनवाई चल रही है। इस मामले में अगली सुनवाई में पंडित हरिहर पांडेय की बेटियां मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा और रेणु पांडेय जो कि मामले में वादी हैं, की ओर से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव अपना जवाब देंगे।